आबकारी नीति मामला: केजरीवाल की जमानत पर कोर्ट में सुनवाई, SG ने कहा- अदालत को गुमराह कर रहे…

Sandesh Wahak Digital Desk: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े एक धनशोधन मामले में अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर किये गये आवेदन का शनिवार को विरोध किया।

ईडी ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के सामने दावा किया कि केजरीवाल ने तथ्यों को छिपाया एवं अपने स्वास्थ्य सहित कई मामलों पर गलत बयान दिये। ईडी की ओर पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में भ्रामक दावा किया कि वह दो जून को आत्मसमर्पण करेंगे।

अदालत आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। केजरीवाल ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि एक सप्ताह बढ़ाने का अनुरोध किया है। सीएम को पहले सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी जो आज खत्म हो रही है। लेकिन ‘आप’ संयोजक के वकील ने अदालत में कहा कि अरविंद केजरीवाल बीमार हैं। उन्हें उपचार की जरूरत है।

SG ने कहा कि क्या ये अदालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोडीफाई कर सकती है। मेरी जानकारी के मुताबिक नही, केवल सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है। तुषार मेहता ने कहा कि अरविंद मेडिकल टेस्ट कराने की बजाए लगातार रैलियां कर रहे थे। इसका मतलब है कि वो बीमार नहीं है। 7 KG वजन कम होने का दावा गलत है। बल्कि अरविंद का वजन एक किलो बढ़ गया था।

ASG ने क्या तर्क दिए?

ASG ने कहा कि जहां तक नियमित जमानत का सवाल रहा तो उन्हें हिरासत में होना चाहिए। आज की तारीख में वो हिरासत में नहीं है। केजरीवाल को अंतरिम जमानत इसलिए मिली है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। वह यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक्स्टेंशन की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल को अंतरिम जमानत राऊज एवेन्यू कोर्ट से नहीं मिली है। वो सुप्रीम कोर्ट से मिली है तो इस कोर्ट से अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कैसे कर सकते हैं।

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