High Court का आदेश, अंसल एपीआई जमीन घोटाले की जांच करे सीबीआई

इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) की लखनऊ पीठ ने सिंचाई विभाग की अरबों की जमीन के कथित घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिये हैं।

Sandesh Wahak Digital Desk। इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) की लखनऊ पीठ ने सिंचाई विभाग की अरबों की जमीन के कथित घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिये हैं। आरोपों के मुताबिक बिल्डर अंसल ने सरकारी जमीन को सुल्तानपुर रोड स्थित अपनी टाऊनशिप में मिलाकर अतिक्रमण कर लिया। फिर एक नामचीन स्कूल समेत अन्य लोगों को अंतरित कर दिया। जमीन की कीमत हजार करोड़ से ऊपर है। कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई को विवेचना के लिए वांछित दस्तावेज एलडीए समेत आवास विभाग द्वारा मुहैया कराये जाएंगे।

इस मामले में सीबीआई की एसआईटी चार माह में शुरूआती जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। कोर्ट ने जांच की पहली प्रगति रिपोर्ट 24 मई तक व फाइनल रिपोर्ट 22 अगस्त तक सौंपने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 5 मई को होगी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश भारत किशोर सिन्हा की याचिका पर दिया।

High Court ने कही बड़ी बात

Lucknow Bench of Allahabad High Court Grants Bail To The Applicant Accused Under Sections 302 & 201 IPC - Desi Kaanoon

याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, चूंकि एक प्रभावशाली व्यक्ति को इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करने देने में नौकरशाह शामिल होंगे, ऐसे में स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले की साफ सुथरी विवेचना संभव नहीं हो सकेगी। लिहाजा, इसकी तफ्तीश सीबीआई/एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए। कोर्ट (High Court) के आदेश पर गत 21 अप्रैल को सीबीआई की एसपी शिवानी तिवारी कोर्ट में पेश हुईं।

अधिवक्ता प्रशांत सिंह ने पेश किया जवाबी हलफनामा

सीबीआई अधिवक्ता ने बताया कि मामले की तफ्तीश के लिए एसपी के नेतृत्व में एसआईटी बनाने का निर्णय लिया गया है। जिसे शुरूआती जांच रिपोर्ट पेश करने में चार माह का समय लगेगा। एसआईटी, सीबीआई लखनऊ के संयुक्त निदेशक की निगरानी में कार्य करेगी। मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम प्रशांत सिंह अटल ने सरकार का पक्ष रखते हुए जवाबी हलफनामा पेश किया। साथ ही कोर्ट को बताया कि मामले की सतर्कता जांच चल रही है। निजी बिल्डर अंसल एपीआई व एक नामी स्कूल द्वारा जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटवा दिया गया है।

सतर्कता जांच रिपोर्ट भी सौंपने के ऑर्डर

अभी तक इस मामले की सतर्कता अधिष्ठान जांच कर रहा था। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इस मामले में जैसे ही सतर्कता जांच पूरी हो, इसकी एक प्रति देखने व रिकार्ड पर रखने के लिए सीबीआई को सौंपी जाएगी।

अंसल की जांच के लिए कमिश्नर ने भी गठित की कमेटी

 लखनऊ डीएम सूर्य पाल गंगवार और कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब

कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने अंसल एपीआई के अधूरे कार्यों की स्थिति जानने के लिए कमेटी गठित कर दी है। इसमें एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार शामिल हैं। मंगलवार को अंसल के अधूरे कार्यों की समीक्षा में पाया गया कि निजी बिल्डर ने योजना में 25 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी नहीं बनाया। बिजली उपकेन्द्र निर्माण के लिए पावर कार्पोरेशन को जमीन देनी थी। ड्रेनेज, सामुदायिक केन्द्र का काम भी अधूरा है। कमेटी योजनाओं का सर्वेक्षण कर अधूरे कार्यों की रिपोर्ट देगी। अंसल एपीआई की एलडीए में बंधक रखी जमीनों से संबंधित कोई अनुबंध नहीं होगा। अंसल के स्वामित्व वाली जमीनों के साथ बिल्डर को कितने लोगों को कब्जा देना है, योजना में आने वाली अन्य विभागों, ग्राम समाज की जमीनों की सूची अलग से तैयार होगी।

बैठक में डीएम सूर्य पाल व एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी मौजूद थे।

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