Hit And Run New Law: तो इस वजह से केंद्र सरकार ने जोड़े हैं नए प्रावधान, ट्रक-बसों के चालक हैं नाराज़

Hit And Run New Law: साल का पहला दिन राजधानीवासियों के लिए कुछ ख़ास नहीं रहा.वजह थी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल। दरअसल, सोमवार को हिट एंड रन कानून (Hit and Run Law) को लेकर कमर्शियल ड्राइवर्स अपने वाहनों से बीच रास्तों में सवारियों को उतारकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी करते दिखाई दिए। रोडवेज बसों से लेकर सिटी बस और ऑटो-टेंपो तक के ड्राइवर इसमें शामिल रहे।

हड़ताल के आगे यात्री ठंड में बेबस खड़े नजर आये। हालांकि, कुछ जगहों के लिए बसें जरूर चलीं, ई-रिक्शा और मेट्रो लोगों का सहारा बनी। हालांकि, इसके बावजूद लोगों की समस्या कम नहीं हुई।

Hit and Run Case : 10 लाख जुर्माना, 7 साल की सजा- नए कानून के खिलाफ सड़कों  पर उतरे ट्रक ड्राइवर - Truck driver son of farmer laborer government should  withdraw the law

सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ये नया कानून है क्या?

दरअसल, केंद्र सरकार (Central  Government) ने हाल ही में संसद में नया हिट एंड रन विधेयक (Hit and Run Law) पास किया है। इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) की मंजूरी भी मिल चुकी है। अब यह भारतीय न्याय संहिता (IPC) के तहत नया कानून बन चुका है। हालांकि, इस नए कानून में जो प्रावधान जोड़े गए हैं, उन प्रावधानों का देशभर में विरोध हो रहा है।

हिट एंड रन केस में अगर ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद फरार हो जाता है और हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो ड्राइवर को दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है। सजा के साथ जुर्माना भी भरने का प्रावधान है। इन प्रावधानों को लेकर ड्राइवर विरोध कर रहे।

ड्राइवरों पर सख्त कार्रवाई का हो रहा विरोध

हिट एंड रन कानून में जो नए प्रावधान हैं, उसके मुताबिक अगर ड्राइवर हादसे के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे दस साल की सजा होगी। इसके साथ ही उससे जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसी को लेकर ड्राइवर्स विरोध कर रहे हैं।

क्यों जोड़े गए सख्त प्रावधान?

केंद्र सरकार द्वारा दिए गए तर्क के मुताबिक, हिट एंड रन के मामलों में हर साल देश में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इन आंकड़ों के मद्देनज़र  ड्राइवरों पर सख्ती करते हुए नए कानून में सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं।

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