ब्रेकफास्ट में खाते हैं Bread तो हो जाएँ सावधान, झेलनी पड़ेंगी ये परेशानियाँ

ब्रेड (Bread) एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आज के समय में हर घर में प्रायः मिल ही जाता है। इसकी वजह है आज की हमारी आधुनिक जीवनशैली और समय अभाव के चलते हम आसानी से उपलब्ध चीजों को खाना पसंद करते हैं।

Sandesh Wahak Digital Desk: ब्रेड (Bread) एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आज के समय में हर घर में प्रायः मिल ही जाता है। इसकी वजह है आज की हमारी आधुनिक जीवनशैली और समय अभाव के चलते हम आसानी से उपलब्ध चीजों को खाना पसंद करते हैं। वैसे तो ब्रेड का हमारे देश में आगमन ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था।

आजकल बढ़ती व्यस्तता, नई लाइफस्टाइल और भाग दौड़ भरी जिंदगी ने ब्रेड को हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बना दिया जिसकी वजह से गांव या शहर हर जगह ब्रेड का इस्तेमाल होने लगा है। आज हम इस अति आवश्यक विषय पर बताएँगे कि ब्रेड खाने के क्या-क्या फायदे नुकसान हो सकते है…

Bread खाने के फायदे

यदि ब्रेड (Bread) खाने की बात हो तो अपने नाश्ते में सब राई, होल ग्रेन, ब्राउन ब्रेड को ही शामिल करें। इससे ना केवल वजन कम करने में मदद मिलेगी बल्कि इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी आसानी से मिल सकते हैं। परंतु जिस नाम से यानी राई, होल ग्रेन, ब्राउन ब्रेड इत्यादि बाजार में बिकती है या जितने भी इस तरीके के नाम वाले ब्रेड मिलते हैं वह कितने शुद्ध हैं या कितना अपनी कसौटी पर खरे होते हैं यह भी एक प्रश्नचिन्ह है।

  1. व्हाइट ब्रेड (White Bread) की तुलना में राई ब्रेड में 100 फीसदी अनाज का इस्तेमाल होता है, जिससे शरीर के कार्बोहाइड्रेट की जरूरत पूरी होती है साथ ही यह शरीर की कैलोरी को नियंत्रित करने में सक्षम हो सकता है।
  2. होल ग्रेन ब्रेड (Whole Grain Bread) में फाइबर मौजूद होता है जिससे विटामिन, विटामिन बी-6, विटामिन-ई, मैग्नीशियम, फॉलिक एसिड, जिंक, कॉपर और मैगनीज मिलता है।
  3. फ्लैक्सीड ब्रेड (Flaxseed Bread) खाने से भरपूर फाइबर मिल सकता है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम रखने में मदद करता है। साथ ही शरीर में मौजूद वसा आपको जला करके ऊर्जा में बदल देता है।
  4. ओट्स ब्रेड (Oats Bread) खाने से काफी अच्छी मात्रा में ओमेगा-3, फैटी एसिड, फोलेट और पोटैशियम मिलता है। इससे पेट भरा लगता है जिसकी वजह से हम ज्यादा खाना खाने से बच जाते हैं और ज्यादा वजन नहीं बढ़ने पाता।

ब्रेड खाने के कुछ नुकसान

  • भारत में बनने वाले ब्रेड में ज्यादातर में पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट केमिकल (potassium bromate or iodate chemical) का इस्तेमाल होता है और उसमें पानी भी मिलाया जता है, जिसकी वजह से ब्रेड चिपचिपी बन जाती है। इसे जब आप खाते हैं तो उनकी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है जो पेट में बलगम बनाना शुरू कर देती है जिसकी वजह से एसिडिटी, अफारा, या अत्यधिक गैस बनने लगती है। इस प्रकार का ब्रेड खाने से शरीर में दिन भर बराबर सुस्ती बनी रहती है।
  • अगर आप रोजाना ब्रेड खाते हैं तो इसमें मौजूद नमक, कार्बोहाइड्रेट, रिफाइंड, चीनी और एडिड प्रिजर्वेटिव्स की वजह से निश्चित रूप से वजन बढ़ता है। ऐसे ब्रेड खाने से शरीर को पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इसे खाने से अपना पेट जरूर भर जाता है लेकिन शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी बनी रहती है।
  • ब्रेड मैदे से बनती है जिसकी वजह से इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है। इसकी वजह से खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है। ऐसे में अगर डायबिटिज की चपेट में हैं तो नियमित रूप से अपने नाश्ते में ब्रेड से दूर रहने में ही भलाई है। ब्रेड को जब भी खाएं अच्छी प्रकार से दोनों तरफ से सेंक कर खाएं।

कहते हैं ना अति किसी भी चीज की बुरी होती है। इसलिए समय अभाव के चलते अथवा अन्य किसी कारणों से यदि ब्रेड खाने की नितांत आवश्यकता है तो मिल्क ब्रेड की जगह होल ग्रेन ब्रेड, ओट्स ब्रेड, ब्राउन ब्रेड या व्हीट ब्रेड को सीमित मात्रा में ही लेना उचित होगा।

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