महज संयोग नहीं, देव योग की साक्षी बन रही है मौजूदा पीढ़ी : CM योगी

CM योगी का अयोध्यावासियों से आह्वान: हमें अयोध्या की ख्याति के अनुरूप ही मर्यादित आचरण कर देश-दुनिया से आने वाले आगंतुकों के समक्ष पेश करना होगा अनुपम उदाहरण

CM Yogi In Ayodhya: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अयोध्या दौरे के दौरान एक ओर 22 जनवरी को होने वाले भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियों का जायजा लेते दिखे वहीं,  दूसरी ओर विभिन्न मंचों के जरिए उन्होंने लोगों से मर्यादित व संयमित उदाहरण प्रस्तुत कर अयोध्या की छवि को देश-दुनिया में ख्याति दिलाने का आह्वान भी किया।

जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य के अमृत महोत्सव में सीएम योगी ने किया शिरकत

जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य के अमृत महोत्सव में शिरकत कर उन्होंने जय जय सीताराम के नारे का उद्घोष करते हुए कहा कि व्यासपीठ पर विराजमान जगतगुरू रामभद्राचार्य महाराज, दीदी मां साध्वी ऋतंभरा, कथाव्यास देवकीनंदन ठाकुर व सभी सम्मानित श्रद्धालुजन का मैं मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की इस पीवन धरा पर प्रदेश शासन की ओर से हृदय से अभिनंदन करता हूं।

ये महज संयोग नहीं है बल्कि देवयोग से निर्धारित कार्यक्रम होगा कि जब पूज्य जगतगुरू रामभद्राचार्य जी के जन्मोत्सव का अमृत महोत्सव हो तो उसी अवसर पर प्रभु राम 5 शताब्दी की अपनी इस अवधि को विस्मृत कर अपनी इस जन्मभूमि पर विराजित हो रहे हों। प्रभु की कृपा के सिवाय इस प्रकार के देवयोग मिलने कठिन हैं।

हमारी तो पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि हमने संघर्ष को नजदीक से देखा और आज अपने इस भौतिक चक्षु से न केवल प्रभु श्रीराम को अपने भव्य मंदिर में विराजमान होता देखत रहे हैं बल्कि एक नए भारत की नई अयोध्या का दर्शन भी हम सबको हो रहा है।

नेतृत्व अच्छा हो तो सर्वत्र दिखती है दिव्यता

सीएम योगी ने कहा कि जब नेतृत्व अच्छा होता है तो हमें यह दिव्य वाणी सुनने को मिलती है और सर्वत्र वह दिव्यता हमें देखने को मिलती है। यानी हम अगर अपने जीवन में जिम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हैं तो स्वतः प्रकृति व परमात्मा की कृपा कैसे बनती है, काशी हो या अयोध्या, प्रयागराज हो या चित्रकूट, बद्रीनाथ धाम हो या केदारनाथ धाम, महाकाल का महालोक हो या सोमनाथ का धाम सर्वत्र यह दर्शन आज सनातन धर्मावलंबियों को आज होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

प्रभु श्रीराम के सिखाए मर्यादा-संयम के पाठ का हो पालन

22 जनवरी की ऐतिहासिक तिथि का सबको इंतजार है और मेरी विनम्र अपील होगाी आप लोगों से कि जगदगुरू के इस अमृत महोत्सव समारोह में आप सबको प्रभु श्रीराम की कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इतनी भीषण शीतलहरी में भी हजारों की संख्या में आकर प्रभु के चरित्र को जगदगुरू के श्रीमुख से श्रवण करके आप एक प्रकार की साधना ही कर रहे हैं।

पूरी कथा में अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि प्रभु तो सर्व व्यापी हैं, सर्वेश्वर हैं उनके बगैर एक तिनका भी नहीं हिल सकता मगर जीवन में संयम और मर्यादा का क्या महत्व होता है यह पाठ भी प्रभु ने हम सबको सिखाया है। वह अयोध्या जो कई शताब्दियों तक उपेक्षा को झेलकर अपमान का दंश सही है, आज जब प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एक नई अयोध्या के दर्शन हो रहे हैं तो देश-दुनिया नई अयोध्या आने के लिए उत्सुक और आतुर भी है।

अयोध्या अपने नाम के अनुरूप अपने आप को साबित करेगी

पूरे संयम के साथ पूरे मर्यादित तरीके के साथ हम सबको अयोध्या में सभी अतिथियों के स्वागत करने व रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो ऐसी व्यवस्था बनानी पड़ेगी। कोई भी ऐसा कार्य न करें जिसे संयम व मर्यादा का उल्लंघन माना जाता हो। यह हम अवश्य ध्यान रखेंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि आप सबकी सुभेच्छा से अयोध्या अपने नाम के अनुरूप अपने आप को साबित करेगी।

मैं आज के अवसर पर जगदगुरू रामानंदाचार्य पूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी को उनके पावन जन्मोत्सव ‘अमृत महोत्सव’ के अवसर पर प्रदेश सरकार व प्रदेश की जनमानस की ओर से उनका हृदय से अभिनंदन करता हूं जीवेम शरदः शतम् के साथ उनके स्वास्थ्य व दीर्घायु होने की कामना करता हूं। लंबे समय तक उनका मार्गदर्शन व आशीर्वाद समस्त जनता समेत सनातन धर्मावलंबियों को प्राप्त हो ऐसी कामना करता हूं।

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