Lok Sabha Election 2024: कानपुर लोकसभा सीट से दावेदारों में ब्रजेश पाठक भी, सतीश महाना समेत रेस में ये बड़े नाम शामिल

Sandesh Wahak Digital Desk/Chetan Gupta: आगामी 2024 लोकसभा का चुनावी रण तैयार हो चुका है। कानपुर नगर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए दिग्गजों के बीच रस्साकशी जारी है। चूंकि मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी 75 प्लस उम्र वाले कैटेगरी में है इसलिए उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है, ऐसे में यहां से चुनाव लड़ने के लिए कई नेता अभी से जोर आजमाइश कर रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का नाम लगातार सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है, हालांकि खुले तौर पर वह इस बात से इनकार करते हैं कि वह सांसदी का टिकट मांग रहे हैं। इधर उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा नाम डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का भी सामने आया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि ब्राह्मण होने के नाते आगामी लोकसभा चुनाव में कानपुर से उनको चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है, इसीलिए वह पिछले कुछ महीनों से लगातार कानपुर की सरजमीं पर मेहनत कर रहे हैं।

ब्रजेश पाठक अभी तक टिकट के सबसे प्रबल दावेदार

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक अभी तक टिकट के सबसे प्रबल दावेदार के रूप में सामने आए है। हालांकि भाजपा की रीतियों और नीतियों को ध्यान में रखते हुए दोनों कद्दावर नेता खुले तौर पर यह बात स्वीकार नहीं करते हैं लेकिन दिल्ली दरबार तक गणेश परिक्रमा के राजनीतिक कयास इस बात की चुगली कर रहे हैं।

बीते कुछ महीने से ब्रजेश पाठक लगातार शहर का दौरा कर रहे हैं। यहां तक कि वह विकास कार्यों की बैठकों में सबसे ज्यादा शामिल हुए हैं। वहीं, सतीश महाना भी पूरी तरह से सक्रिय हैं। हालांकि महाना और मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी की आपस में नहीं बनती है, ये बात जगजाहिर है।

बीजेपी के टिकट पर पूर्व में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं सतीश महाना

पचौरी और सतीश महाना दोनों नेता बीजेपी के टिकट पर पूर्व में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और आपसी गुटबाजी के चलते इन दोनों को कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। दोनों नेता एक दूसरे को हार का जिम्मेदार आज भी ठहराते हैं। इस वजह से दोनों नेताओं की लंबे समय से नहीं बन रही है, इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव में न पड़े इसको लेकर पार्टी हाईकमान खासा गंभीर है। सतीश महाना छावनी और महाराजपुर सीट से आठ बार से विधायक हैं।

उत्तर प्रदेश में योगीराज के पहले कार्यकाल 2017 में औद्योगिक विकास मंत्री बने थे। लेकिन दूसरे कार्यकाल 2022 में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया। महाना के नजदीकियों की माने तो उन्हें मजबूरी में यह पद स्वीकार करना पड़ा। अब एक बार फिर महाना लोकसभा सीट से चुनाव लडक़र केंद्र की सक्रिय राजनीति में उतरना चाहते हैं और अपनी खोई हुई राजनीतिक ताकत वापस पाना चाहते हैं इसलिए वह लगातार अंदर खाने से प्रयासरत है। इधर ब्रजेश पाठक से पहले पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के नाम की चर्चा थी लेकिन राज्यसभा सदस्य बनने के बाद उनके नाम पर पूर्ण विराम लग गया।

ब्राह्मण चेहरा बीजेपी का ट्रंप कार्ड

कानपुर लोकसभा सीट ब्राह्मण बाहुल्य है, ऐसे में निर्णायक भूमिका उन्हीं की है। पिछली बार 2019 लोकसभा चुनाव में करीब 16.31 लाख वोटर थे। इस संसदीय क्षेत्र में सीसामऊ, आर्यनगर, कैंट, गोविंद नगर और किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। केंद्र में 2014 में बीजेपी की सरकार बनी, उस लोकसभा चुनाव में भी तत्कालीन विधायक सतीश महाना, सलिल बिश्नोई समेत कई दावेदार थे लेकिन अचानक बीजेपी ने ब्राह्मण कार्ड खेला और डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और तीन बार के लगातार सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल को बीजेपी के राष्ट्रीय नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने भारी मतों से चुनाव हराया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्र के पड़ाव के चलते सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी का टिकट कटने पर उनके उत्तराधिकारी बनकर कानपुर संसदीय सीट से मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी ने 1,55,934 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की।

उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल को हराया था। तीसरे स्थान पर सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रामकुमार रहे। अब देखना यह होगा कि 2024 में भाजपा एक बार फिर ब्राह्मण कार्ड के बूते यह महत्वपूर्ण सीट अपने खाते में डालेगी या फिर अन्य दावेदारों को मौका देती है।

संभावित दावेदार

कानपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रबल दावेदारों में जहां विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का नाम है तो वहीं, कई विधायक भी इस रेस में शामिल है। तीन बार के विधायक और मौजूदा समय में एमएलसी, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सलिल बिश्नोई, किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक महेश त्रिवेदी, गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेंद्र मैथानी, छावनी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रघुनंदन सिंह भदौरिया का नाम चर्चाओं में है। यह सभी अपने-अपने तरीके से टिकट पाने की गुणा-गणित में जुटे हुए हैं।

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