Lucknow Crime : मोहम्मद तारिक की हत्या का सात साल भी नहीं मिला जवाब ?

मुख्तार, धनंजय और बृजेश तक पहुंची जांच की आंच, नहीं मिले कनेक्शन

Sandesh Wahak Digital Desk/Abhishek Srivastva: गोमतीनगर में माफिया मुन्ना बजरंगी के राइट हैंड मोहम्मद तारिक हत्याकांड अभी भी राज बना हुआ है। सनसनीखेज हत्याकांड को विकासनगर में मार्च 2016 में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह व उसके साथी की हत्या से जोडक़र देख लखनऊ पुलिस ने जांच शुरू की।

नामजद किए गए रिटायर डीएसपी, उनके बेटे व अन्य से पूछताछ हुई, लेकिन कुछ नहीं निकला। जांच की आंच मुख्तार अंसारी, धनंजय सिंह और बृजेश सिंह तक पहुंची। पूर्वांचल के लगभग सभी शूटरों को खंगाला लेकिन एसटीएफ और लखनऊ पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। अंतत: तफ्तीश ठंडे बस्ते में चली गई और हत्याकांड का राज फाइल में ही दफन हो गया।

बनारस के विशेषरगंज निवासी तारिक का गोमतीनगर विस्तार के कावेरी अपार्टमेंट में फ्लैट था 1 दिसंबर की दोपहर ही वह बनारस से आया था। शाम करीब 5 बजे वह अपनी फॉच्र्युनर गाड़ी से दयाल पैराडाइज की तरफ जा रहा था। तभी ग्वारी गांव की तरफ जाने वाले पुल पर अज्ञात हमलावरों ने घेराबंदी कर गाड़ी के पहिए में गोली मार दी। टायर में गोली लगते ही गाड़ी डिवाइडर से टकराकर रुक गई। तभी बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। उक्त वारदात में तारिक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। तारिक के पेट में दो गोलियां, दाएं हाथ की कोहनी व कूल्हे में एक एक गोलियां लगी थी।

रेलवे ठेके को लेकर मुख्तार था नाराज

शुरुआती पड़ताल में एसटीएफ व लखनऊ पुलिस को मुख्तार पर शक हुआ। तमाम कोशिश व पूर्वांचल के शूटरों को खंगालने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। उस दौरान दबी जुबान में मुन्ना के गैंग में भी मुख्तार का नाम उछला। वजह थी पीजे ने पूर्वांचल में करीब 53 किमी की रेलवे लाइन बिछाने का ठेका बिना मुख्तार की जानकारी के ले लिया था। इसपर मुख्तार नाराज भी हुआ था। एसटीएफ ने इस एंगल पर भी काम का किया।

हालांकि पहले पीजे, फिर तारिक और फिर बागपत जेल में मुन्ना की हत्या में परिजनों ने जौनपुर के बाहुबली धनंजय सिंह और रिटायर्ड डीएसपी के बेटे  प्रदीप को ही साजिशकर्ता बताया था। वहीं, बृजेश सिंह का नाम कृष्णानंद राय की हत्या के चलते आया था। एसटीएफ व पुलिस ने तमाम प्रयास किए लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई।

रिटायर्ड डीएसपी व बेटे पर दर्ज हुआ था मुकदमा

ताहिरा ने जमीन के विवाद में गोमतीनगर निवासी रिटायर्ड डीएसपी जेएन सिंह, उनके प्रॉपर्टी डीलर बेटे प्रदीप सिंह, पति के करीबी राजा व सोनू के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ताहिरा ने तहरीर में आरोप लगाया है कि जिन लोगों ने विकासनगर में मार्च 2016 में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत की हत्या करवाई थी, उन्हीं लोगों ने उसके पति को भी मरवाया है। उसने रिटायर्ड डीएसपी व उनके बेटे पर जमीन के विवाद में हत्या की साजिश रचने और हत्या करवाने का आरोप लगाया है। उसका दावा है कि इन्हीं लोगों ने पुष्पजीत की भी हत्या करवाई थी।

मुन्ना के काले कारोबार को संभालता था तारिक

पड़ताल में सामने आया था कि तारिक बनारस में वर्ष 2010 में हुए पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजिनियर पर जानलेवा हमले के मामले में भी नामजद था। वह मुन्ना बजरंगी के लिए काम करता था। उसके इशारे पर बड़े-बड़े ठेके व टेंडर मैनेज करवाने से लेकर फिरौती, जमीन कब्जेदारी सहित कई कारोबार संभालता था। ताहिरा ने बताया था कि तारिक के साथ उनके करीबी दोस्त राजेश सिंह साथ में थे। पूछताछ में राजेश ने बताया कि वह करीब साढ़े चार बजे के आसपास तारिक को छोडक़र चले गए थे।

हत्याकांड की जानकारी पाकर पुष्पजीत के साले विकास श्रीवास्तव भी लोहिया अस्पताल पहुंचे थे। विकास ने कहा कि जिन लोगों ने उनके बहनोई पुष्पजीत और उनके दोस्त की हत्या की थी, उन्हीं लोगों ने तारिक को मारा है। तारिक रेलवे, परिवहन के अलावा प्रापर्टी समेत अन्य का काम करते थे, जिनका विकासनगर स्थित मुन्ना बजरंगी के घर पर आना जाना था। तारिक मुन्ना के करीबियों में से एक थे।

ऑटो से पहुंची महिला बोली मुन्ना बजरंगी को बताओ

वारदात के बाद पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पड़ताल कर रहे थे। इसी बीच खबर मिलते ही ऑटो से एक महिला घटनास्थल पर पहुंची। महिला ने अपना नाम ताहिरा नाज बताया और खुद को तारिक की पत्नी होने का दावा किया। पहले पति की हालत के बारे में जानकारी की और फिर रोते हुए पुलिसवालों से बोली विकासनगर में मुन्ना बजरंगी का घर है। पहले वहां जाओ और किसी तरह मुन्ना बजरंगी को घटना के बारे में बताओ। यह सुनकर पुलिस के होश उड़ गए।

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