मायावती का बीजेपी पर हमला, बोलीं- अपनी कमियां छुपाने की कोशिश कर रही सरकार

Sandesh Wahak Digital Desk : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी और उसकी सरकार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे ‘‘गैर-जरूरी’’ मुद्दों पर अपनी ऊर्जा और संसाधन खर्च करने के बजाय महंगाई को नियंत्रित करने तथा गरीबी दूर करने के लिए काम करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने 21वें विधि आयोग के विचारों से भी सहमति जताई, जिसने 2018 में कहा था कि यूसीसी ‘इस स्तर पर न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है’।

यहां अपनी पार्टी की पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ इकाइयों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसकी सरकारें अपनी कमियों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक, जातिवादी और विभाजनकारी नीतियां लागू कर रही हैं।

बसपा के एक बयान में मायावती के हवाले से कहा गया, ‘‘सभी लोगों पर यूसीसी थोपना भी उनका नया कदम है, जो वर्तमान स्थिति को देखते हुए न तो आवश्यक है और न ही उपयोगी है।’’

यूसीसी पर एक नयी परामर्श प्रक्रिया

समान नागरिक संहिता का उद्देश्य धर्मों, रीति-रिवाजों और परंपराओं पर आधारित पर्सनल लॉ के स्थान पर धर्म, जाति, पंथ, यौन अभिरूचि और लिंग से परे सभी के लिए एक समान कानून लाना है। पर्सनल लॉ और विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार से संबंधित कानूनों के इसके दायरे में आने की संभावना है।

बाइसवें विधि आयोग ने 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर यूसीसी पर एक नयी परामर्श प्रक्रिया शुरू की थी।

पिछले हफ्ते भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूसीसी की जोरदार पैरवी करते हुए कहा कि संविधान सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की बात करता है। कई विपक्षी दलों ने अगले आम चुनाव से पहले यूसीसी मुद्दे को उठाने की भाजपा की मंशा पर संदेह जताया है।

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