Mission 2024: भाजपा ने सियासी रणनीति में किया बदलाव

मिशन 2024 (Mission) को लेकर सियासत का पारा न सिर्फ तेजी से चढ़ रहा है बल्कि दलों ने अपनी रणनीति की धार भी पैनी करनी शुरू कर दी है। भाजपा ने भी अपनी रणनीति में व्यापक बदलाव किया है।

Sandesh Wahak Digital Desk: मिशन 2024 (Mission) को लेकर सियासत का पारा न सिर्फ तेजी से चढ़ रहा है बल्कि दलों ने अपनी रणनीति की धार भी पैनी करनी शुरू कर दी है। भाजपा ने भी अपनी रणनीति में व्यापक बदलाव किया है। इसमें सबसे बड़ा रोल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चेतावनी का भी है। भाजपा ने बाकायदा चार अलग-अलग रणनीति तैयार की है।

दरअसल, भाजपा की रणनीति क्षेत्रीय मुद्दों के हिसाब से तय होगी। हालांकि, कुछ ऐसे भी मुद्दे रहेंगे जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा। उत्तर भारत में भाजपा (BJP in North India) के लिए हिंदुत्व का मुद्दा हमेशा संजीवनी की तरह मददगार साबित हुआ है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश, समेत पूरे उत्तर भारत में हिंदुत्व (Hindutva in North India) के सहारे भाजपा अब तेजी से आगे बढ़ेगी। इसका सटीक उदाहरण अगले वर्ष जनवरी में संभावित राम मंदिर का भव्य निर्माण पूरा होने का मुद्दा भी शामिल है। जिसके भव्य समारोह के लिए सीधे प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजने की बात कही जा रही है।

महाजनसंपर्क अभियान के सहारे भाजपा केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों को पार्टी से जोडऩे की कोशिश में नजर आ रही है। ये भी एक बड़ा कदम है।

2014 के बाद से अब तक केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के करोड़ों लाभार्थी हैं। पार्टी इन लाभार्थियों को एक अलग वोटबैंक बनाने में जुटी है। इन लाभार्थियों से पार्टी के कार्यकर्ता लगातार संपर्क में रहेंगे और उन्हें भाजपा से जोडऩे की कोशिश करेंगे। केंद्र और राज्य सरकार के सभी मंत्री क्षेत्र में प्रवास करेंगे। केंद्र और भाजपा शासित सभी राज्यों (Center and all BJP ruled states) के मंत्रियों को क्षेत्र में प्रवास करने के लिए कहा गया है। पार्टी के अंदर के सारे मतभेद को भी दूर करने के लिए कहा गया है।

महाजनसंपर्क अभियान में जुटे केंद्रीय नेतृत्व के नेता 

साल 2014 के बाद से भाजपा ने भ्रष्टाचार, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के सहारे ही कई चुनावों में बड़ी जीत हासिल की है। कर्नाटक परिणाम से सबक लेते हुए भाजपा ने इस दिशा में काफी बदलाव किया है। पिछले दिनों संघ ने भी अपने एक लेख में इसका जिक्र किया था। अब जनता के सामने सरकार की उपलब्धियां तथ्यात्मक रूप से रखी जा रही हैं। इसीलिए महाजनसंपर्क अभियान के लिए भाजपा (BJP for public relations campaign) ने सीधे केंद्रीय नेतृत्व के भी दिग्गज नेताओं को झोंक रखा है। हालांकि जनता अब पहले से ज्यादा जागरूक है। वो सीधे कई मुद्दों पर भाजपा नेताओं से तल्ख सवाल भी करने में पीछे नहीं है।

छोटे दलों को साथ लाने की जुगत

भाजपा ने खासतौर पर उत्तर प्रदेश में मिशन 80 (Mission 80 in Uttar Pradesh) को देखते हुए अलग-अलग छोटे दलों को साथ लाने का भी फैसला किया है। इसके अलावा पुराने सहयोगियों से भी पार्टी संपर्क में है। इसके जरिए भाजपा विपक्ष के गठबंधन को चुनौती देगी। जिसमें सुभासपा जैसे कई दल शामिल हैं। मंगलवार को सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के बेटे को शुभाशीष देने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत भाजपा के कई दिग्गज पहुंचे थे।

प्रदेश भाजपा में कुछ बदलाव जल्द होंगे

मिशन 2024 (Mission) को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठकों के बाद प्रदेश भाजपा में कुछ बदलाव होने का खाका भी खींचा जा रहा है। जिससे सांगठनिक ढांचे को और मजबूत किया जा सके। इसी कड़ी में यूपी प्रभारी राधा मोहन समेत कई चेहरे हैं। जिन्हें बदलने की पूरी तैयारी है। इन्हें तीन साल पहले इस पद पर बिठाया गया था। गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल इस रेस में सबसे आगे बताएं जा रहे हैं। वहीं प्रदेश की कमान अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय महामंत्री संगठन सुनील बंसल के हाथ में रहने की प्रबल संभावना है।

Also Read: संपादक की कलम से: क्षेत्रीय दलों के प्रति उमड़ता प्रेम

Get real time updates directly on you device, subscribe now.