वैक्सीन कोई भी लगवाई हो डरने की जरूरत नहीं, दिल्ली एम्स ने जारी की रिपोर्ट

AIIMS Research Report : कोविशील्ड वैक्सीन पर उठ रहे सवालों के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना महामारी के बाद अचानक मौतें हो रही हैं लेकिन वैक्सीनेशन हर मौत की सीधी वजह नहीं है। बता दें विशेषज्ञ मानते हैं कि देश में वैक्सीनेशन को हुए लंबा समय गुजर गया है यदि टीकाकरण के बाद कोई साइड इफेक्ट्स दिखता, तो अभी तक देश में बड़े स्तर पर केस सामने आ चुके होते।

जानकारी के अनुसार दिल्ली एम्स ने अचानक हुई मौतों की वजह जानने के लिए जो अध्ययन किया उसमें से 50 फीसदी मौतें हार्ट अटैक से नहीं हुईं। सांस समेत दूसरी बीमारियों से इनकी मौते हुई हैं, वहीं बचे 50 फीसदी को सीधे तौर पर हार्ट अटैक आया। एम्स के विशेषज्ञों की राय है कि यदि खून में थक्का पड़ता तो सभी मौते हार्ट अटैक से होनी चाहिए थी।

इसके पहले सोमवार को ब्रिटेन की कोर्ट में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना था कि उनकी वैक्सीन से दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। जिसमें कहा गया था कि इसके कारण थ्रोम्बोसइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है जिससे शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं। ऐसा होने पर पीड़ित हो स्ट्रोक, हृदयगति थमने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

एम्स ने की यह स्टडी

एम्स के फारेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा कि वैक्सीन के कारण किसी की मौत हुई हो ऐसा हमें नहीं लगता। कोरोना के बाद अचानक कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण हो रही मौत का कारण जानने के लिए करीब 200 शवों पर शोध किया गया। वहीं इस शोध में पाया कि करीब आधे मरीजों की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण नहीं हुई थी।

इनकी मौत के पीछे सांस की समस्या सहित दूसरे कारण मिले जबकि अन्य 50 फीसदी मौत के पीछे कार्डियक अरेस्ट कारण पाया गया था। ऐसे में हम मान सकते हैं कि अचानक हो रही मौत के पीछे वैक्सीन का कोई रोल नहीं होगा।

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