सियासी विश्लेषण: सीएम योगी का बढ़ा कद, इंडिया गठबंधन की राह में और बिछेंगे कांटे

पीएम मोदी के बाद यूपी के मुख्यमंत्री दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता, सीटों के बंटवारे में अब कांग्रेस का नहीं चलेगा सिक्का

Sandesh Wahak Digital Desk : चार राज्यों के नतीजों ने मिशन 2024 से पहले ऐसी सियासी इबारतों को लिखा है, जिसने न सिर्फ विपक्षी गठबंधन इण्डिया की पूरी तरह से नींव हिला दी है बल्कि देश के सबसे बड़े हिंदी भाषी राज्य उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राष्ट्रीय राजनीति के फलक पर एक बार फिर पूरे मान सम्मान के साथ स्थापित किया है।

इन नतीजों के बाद कांग्रेस की मुश्किलें सबसे ज्यादा बढऩे वाली हैं। वहीं बसपा का तीनों राज्यों में वोट प्रतिशत सपा से बेहतर नजर आया है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के नतीजों से उत्तर प्रदेश भी अछूता नहीं रहा।

तीनों राज्यों में सबसे ज्यादा मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभाओं की क्यों थी। इसका भी उत्तर इन्ही नतीजों में छुपा है। मुख्यमंत्री योगी ने नवंबर माह के दौरान ही सिर्फ 15 दिन में 92 प्रत्याशियों के समर्थन में 57, रैलियां और रोड शो करके अधिकांश सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत मानो सुनिश्चित ही कर दी।

दरअसल हिंदी पट्टी के राज्यों में प्रधानमंत्री मोदी के बाद मुख्यमंत्री योगी की लोकप्रियता आसमान छू रही है। देश भर में मुख्यमंत्री योगी की छवि बुलडोजर बाबा की बन चुकी है। जिसको देखते हुए उनकी जन सभाओं में बुलडोजर से ही प्रवेश द्वार तक बनाए गए। तेलंगाना जैसे राज्य में भी मुख्यमंत्री योगी के रोड शो में उम्दा जनसैलाब उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगाने के लिए काफी है।

योगी कैबिनेट की मीटिंग ने भी हिंदी भाषी राज्यों में मतदाताओं को लुभाया

सिर्फ यही नहीं अयोध्या में योगी कैबिनेट की मीटिंग ने भी हिंदी भाषी राज्यों में मतदाताओं को लुभाया है। बारी अब भाजपा को सूपड़ा साफ़ करने के हवाई दावे कर रहे विपक्षी गठबंधन इण्डिया की है। मध्यप्रदेश में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को सीटों के बंटवारे पर तेवर दिखाने वाली कांग्रेस का हश्र खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचें की तर्ज पर हुआ है।

जिससे लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन और कमजोर होगा। सपा भले यहां ख़ास प्रदर्शन करने में नाकाम रही, लेकिन उसने कांग्रेस का सियासी गणित बिगाडऩे में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। मध्य प्रदेश की निवाड़ी, चांदला और राजनगर जैसी विधान सभा सीटों के आंकड़ों ने इस सच को साबित भी किया है। जहां सपा उम्मीदवारों को हजारों वोट मिले।

अगर ये वोट कांग्रेस को शिफ्ट होते तो भाजपा की हार निश्चित थी। कांग्रेस के अति आत्मविश्वास के कारण पार्टी ने विपक्षी गठबंधन इण्डिया का सियासी भविष्य भी खतरे में डालने से तनिक भी गुरेज नहीं किया।

प्रदेश में सीट बंटवारे की स्थिति में कांग्रेस अब मजबूती से दावेदारी नहीं कर पाएगी। सपा भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में उसके प्रदर्शन के बाद एक तरह से हावी नजर आएगी। सपा की नजरें अमेठी और रायबरेली सीटों पर भी पार्टी प्रत्याशी उतारने पर है। फिलहाल यूपी में इण्डिया गठबंधन की खाई और चौड़ी होने जा रही है।

मोदी की गारंटी पर जनता के विश्वास की मुहर: योगी

भाजपा को मिली जबर्दस्त जीत से गदगद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में चार राज्यों के चुनाव परिणामों में से तीन राज्यों में भाजपा की जीत मोदी की गारंटी पर जनता के विश्वास की गारंटी है। उन्होंने इस जीत पर भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं एवं सम्मानित मतदाताओं को हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएं दीं।

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