शर्मनाक: अगर यूपी पुलिस करती सुनवाई तो न मरतीं खुशी और नैंसी

Sandesh Wahak Digital Desk : होनहार छात्रा नैंसी और खुशी….यूपी के अंबेडकरनगर और वाराणसी की रहने वाली दोनों बेटियां अब इस दुनिया में नहीं हैं। दोनों परिवारवालों का गम एक ही था। दोनों नाबालिग छात्राओं  की जान 24 घंटे के अंतराल पर चली गई। एक को सरेराह शोहदों ने सड़क पर गिरा कर मार डाला तो दूसरी ने शोहदों से परेशान होकर खुद ही अपनी जान दे दी। अगर इन बेटियों की गुहार यूपी पुलिस ने पहले ही सुन ली होती तो शायद आज दोनों जिंदा होती।

वाराणसी पुलिस से तो खुशी के पिता ने शिकायत भी की थी। लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद भी इस तरह की लापरवाही हो रही है। थानों में बेटियों की अलग से सुनवाई के लिए हेल्प डेस्क बनाने का दावा किया जाता रहा है। लेकिन सच्चाई तो यही है कि नैंसी और खुशी के परिवार को जीवन भर के लिए न भूलने वाला दर्द मिल चुका है।

अंबेडकरनगर पुलिस द्वारा आरोपियों पर हुई कारवाई के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में विकास परियोजनाओं के लोकार्पण के दौरान कहा कि बहन बेटी को अगर छेड़ा तो अगले चौराहे पर यमराज इंतजार करेगा।

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में छेड़छाड़ व महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में पुलिस की लापरवाही की यह पहली घटना भी नहीं है। इससे पहले कई ऐसे मामले हुए, जिसमे कमिश्नरेट पुलिस ने यूपी पुलिस की फजीहत कराई। कहने को नैंसी के गुनहगारों को पकड़ लिया गया है। खुशी के गुनहगार भी पकड़ ही लिए जाएंगे। लेकिन क्या नैंसी और खुशी अब कभी वापस आ पाएंगी? आखिर पुलिस बेटियों के मरने का इंतजार क्यों करती है। मरने के बाद ही एक्शन में क्यों आती है।

आखिर क्या हुआ था खुशी के साथ

16 साल की खुशी 11वीं में पढ़ती थी। पिता का मलदहिया पर रेस्टोरेंट है। पत्नी ट्यूशन टीचर हैं। खुशी उनकी इकलौती संतान थी। परिवार किराये के मकान में रहता है। गुरुवार रात पिता रेस्टोरेंट पर थे, मां ट्यूशन पढ़ाने गईं थीं। घर में खुशी अकेली थी। लौटे तो देखा बेटी ने फांसी लगाकर जान दे दी है। पिता ने बताया कि उसे एक कुशाग्र नाम का युवक परेशान कर रहा था।

एक वर्ष से अधिक समय से खुशी को युवक प्रताड़ित कर रहा था। खुशी के पिता भरत ने युवक को दो बार समझाने की कोशिश की। इस पर वह उन्हें ही धमकाने लगा। परिवारवालों ने पुलिस से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पिता कहते हैं कि एक अक्टूबर 2022 को लक्सा थाने में शिकायत की थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

पिता ने कहा कि अगर पुलिस उसी वक्त सख्ती करती तो शायद बेटी की जान बच जाती। कुशाग्र नामक युवक उसके दो दोस्त खुशी को लगातार परेशान करते थे। कुशाग्र ने उनके भतीजे को भी फोन कर धमकी दी थी। इधर बीच वह खुशी को ब्लैकमेल कर रुपए भी मांगने लगा था। पुलिस ने खुशी का मोबाइल जांच के लिए लिया है।

नैंसी को चलती बाइक से दुपट्टा खींचकर गिराया और रौंद दिया

अम्बेडकरनगर में नैंसी की जान तो सरेराह ले ली गई। हंसवर निवासी सभाजीत की 16 वर्षीय बेटी नैंसी हीरापुर के एक विद्यालय की छात्रा थी। छुट्टी के बाद वह साइकिल से घर लौट रही थी। हीरापुर बाजार में पहुंचते ही मोटरसाइकिल सवार शहबाज व अरबाज ने छात्रा का दुपट्टा खींच लिया। इससे नैंसी साइकिल से गिर गई और पीछे से आ रहे मोटरसाइकिल सवार फैसल ने छात्रा को रौंद दिया। इससे छात्रा की मौके पर ही मौत हो गई। पहले पुलिस और सभी इसे हादसे मानते रहे। लेकिन जब सीसीटीवी फुटेज सामने आया तो सच्चाई पता चली। हंसवर थाना क्षेत्र के हीरापुर बाजार में में सरेराह हुई घटना का फुटेज सामने आने के बाद से लोग आक्रोशित हैं।

बेटियों को लेकर दहशत का माहौल

लोगों में अपने घर की बेटियों को लेकर दहशत का माहौल है। दिनदहाड़े सरेराह हुई घटना से अभिभावक स्कूल प्रशासन तथा पुलिस विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि शोहदों को सबक सिखाने के लिए स्कूल प्रशासन न कोई पहल करता है और न ही पुलिस कोई ठोस कदम उठाती है। स्कूल के आसपास शोहदों का जमावड़ा लगा रहता है। यही शोहदे छात्राओं को रास्ते में छींटाकशी व फब्तियां कसते हैं। भरी बाजार में दिनदहाड़े हुई घटना पुलिस विभाग के पिकेट की भी पोल खोल रही है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार शोहदों पर कारवाई की मांग कर रहे हैं।

शोहदों को नहीं है खाकी का डर

ऐसा लगता है कि शोहदों में पुलिस का डर ही नहीं रहा है। पुलिस ने रविवार को तीनों आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार जरूर कर लिया है लेकिन इस गिरफ्तारी से छात्रा नैंसी के परिवार का गम नहीं कम हो सकता है। लोगों का कहना है कि पुलिस को ऐसा एक्शन लेना चाहिए ताकि आगे किसी बेटी के साथ इस तरह की हरकत न हो।

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