शाइन सिटी: राशिद नसीम का करीबी गिरफ्तार, कोर्ट ने दिए 6 दिन की पुलिस रिमांड के आदेश

Sandesh Wahak Digital Desk : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 60 हजार करोड़ की जालसाजी करने वाली कंपनी शाइन सिटी के मुखिया महाठग राशिद नसीम के करीबी अभिषेक कुमार सिंह को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उसे ईडी ने पूछताछ के लिए दफ्तर में बुलाया था। जिसके बाद उसे शुक्रवार को ईडी ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अभिषेक को ईडी की छह दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने के आदेश दिए हैं।

ईडी शाइन सिटी ग्रुप आफ कंपनी के निदेशक राशिद नसीम के मामले की जांच कर रही है। इस सिलसिले में अभी तक करीब 250 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। ईडी की जांच में पाया गया है कि यह घोटाला लगभग 1000 करोड़ रुपये तक का था। हालांकि शाइन सिटी फर्जीवाड़े के जरिये हुई ठगी का आंकड़ा 60 हजार करोड़ के पार है।

राशिद नसीम ने लोगों से वसूली के लिए कई एजेंट बना रखे थे। इनमें से एक अभिषेक सिंह राशिद का बहुत खास था। अभिषेक ही लोगों से रकम लेकर राशिद के पास जमा करवाता था। इस रकम को बाद में फर्जी कंपनियों के जरिये दूसरी कंपनियों में लगा दिया गया। ईडी इस मामले में 128 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर चुकी है।

मनी लॉन्ड्रिंग: जिला सहकारी बैंक के भ्रष्टों की चार्जशीट का लिया संज्ञान

मनी लाण्ड्रिंग एक्ट के तहत स्थापित स्पेशल कोर्ट लखनऊ ने ईडी द्वारा दायर चार्जशीट का शुक्रवार को संज्ञान ले लिया है। इस मामले में ईडी ने कोतवाली फतेहपुर स्थित जिला सहकारी बैंक किशनपुर में तैनात मैनेजर और कर्मचारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। इस मामले में फतेहपुर कोतवाली में भोला सिंह, ललितादेवी, भगवान दीन यादव, जयशंकर प्रसाद, उर्मिला देवी, रमेश कुमार और गुलाब कली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

ईडी की जांच में सामने आया है कि बैंक मैनेजर और अन्य कर्मचारियों ने वर्ष 2005-06 और वर्ष 2009-10 के बीच 5.98 करोड़ रुपये का ऋण गलत ढंग से मंजूर कर दिया। इसे ऐसे बैंक खातों में जमा करवाया गया, जिनका संचालन इन कर्मचारियों द्वारा किया गया और बाद में इस रकम से जमीनें खरीद ली गईं। ईडी इस मामले में अब तक 34.52 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

माफिया अतीक की काली कमाई भी महाठग राशिद ने खपाई !

हजारों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर भाग चुके शाइन सिटी के मुखिया राशिद नसीम ने माफिया अतीक अहमद के ही पैसों से अपना साम्राज्य खड़ा किया था। संभावना ये भी है कि अतीक की काली कमाई को राशिद ने दुबई समेत विदेशों में खपाया है। प्रयागराज शूटआउट में मारे गए अतीक के पैसों से ही राशिद नसीम ने लखनऊ में कंपनी बनाकर रियल एस्टेट का काम शुरू किया था।

पुलिस की जांच में सामने आया था कि वर्ष 2012 में अतीक अहमद ने प्रयागराज के करेली में रहने वाले राशिद नसीम को रियल एस्टेट के बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए करोड़ों रुपए दिए थे। उसका मुनाफा अतीक को मिलता था।

सूत्रों के मुताबिक देश भर के उपभोक्ताओं के 60 हजार करोड़ ठग कर जब राशिद फरार हुआ तो उसे अतीक अहमद ने ही अंडरग्राउंड कराया था। यहीं नहीं उसे नेपाल भी अतीक के गुर्गों ने भेजा था। हालांकि वर्ष 2019 में वह नेपाल में गिरफ्तार हो गया था। जहां से जमानत मिलने पर वह दुबई भाग गया। राशिद के भाई आसिफ को भी प्रयागराज में अतीक अहमद के बेटों ने शरण दी थी।

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