UP News: जेल मुख्यालय के बाबुओं पर नहीं लागू होती स्थानांतरण नीति!

लंबे समय से कमाऊ पटल पर जमे दर्जनों की संख्या में प्रशासनिक अधिकारी

Sandesh Wahak Digital Desk : कारागार विभाग में अधिकारियों के तबादले तो हुए किन्तु जेल मुख्यालय में वर्षों से कमाऊ सीटों पर जमे बाबुओं के पटल नहीं बदले गए। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि शासन की स्थानांतरण नीति बाबू संवर्ग पर लागू नहीं हुई। नीति लागू नहीं होने से बड़ी संख्या में दर्जनों बाबू कमाऊ सीटों पर जमे हुए हैं। चर्चा है कि जुगाड़ व धनबल की वजह से विभाग के आला अफसर इन बाबुओं को हटा नहीं पाए। एक बाबू तो पिछले 30 साल से एक ही सीट पर जमा हुआ है।

स्थानांतरण नीति आने के बाद से जेल विभाग में दर्जनों जेल अधिकारियों के किए जा चुके हैं तबादले

शासन की  स्थानांतरण नीति आने के बाद से जेल विभाग में दर्जनों वरिष्ठ अधीक्षक, अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर के तबादले किये। मिली जानकारी के मुताबिक जून के अंतिम सप्ताह में जेल विभाग में दजर्नों अधीक्षक के तंबादले कर दिए गए। इसके अलावा कई ड्यूटी पर लगाये गए जेलरों को उन्ही जेलो में समायोजित करने के साथ एक दर्जन जेलर व चार दर्जन से अधिक डिप्टी जेलर के तबादले किये गए।

सरकार की स्थानांतरण  नीति मुख्यालय के बाबुओं पर लागू नहीं हुई। जेल मुख्यालय में वर्षों से एक ही पटल पर जमें किसी भी बाबू को हटाया नहीं गया। यह मामला विभागीय कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही है।

सूत्र बताते हैं जेल मुख्यालय मे विनोद कुमार सिंह, अनिल कुमार वर्मा कई वर्षों से डीआईजी, वरिष्ठ अधीक्षक व अधीक्षक के कमाऊ पटल पर जमे हुए हैं। अनिल कुमार के पास उपकारापाल पटल पर है। अमिताभ मुखर्जी विधि/बजट का प्रभार है।

एक बाबू ने तोड़े सारे रिकार्ड 30 साल से संभाल रहा लखनऊ परिक्षेत्र की जिम्मेदारी

इसी प्रकार राधेश्याम बंदीरक्षक अधिष्ठान पटल पर वर्षो से जमे हुए है। हेड वार्डर व वार्डर के तबादलों में राधेश्याम, भरत सिंह, मनोज सिंह, शिवांशु गुप्ता, शांतनु वशिष्ठï, भोला सिंह ने वार्डरों से मनमाफिक जेलों पर तैनात होने के लिए जमकर वसूली भी की है। इनकी शिकायत भी जेल मुखिया से की गई लेकिन इनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। लखनऊ परिक्षेत्र में एक बाबू ऐसा है जोकि पिछले करीब 30 साल से एक ही स्थान पर जमा हुआ हैं। इसी के साथ आगरा जेल परिक्षेत्र कार्यालय पर रंजना कमलेश पिछले करीब 18 साल से तैनात है।

इन बाबुओं के लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे होने की वजह से जारी होने वाले आदेशों की जानकारी जारी होने से पहले ही जेल अधिकारियों के पास पहुच जाती है। इस संबंध में डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह का कहना है कि समय-समय पर बाबूओं के प्रभार भी परिवर्तित किए  जाते हैं।

शिवहरी मीना को आगरा जेल परिक्षेत्र की जिम्मेदारी

राजधानी स्थित कारागार मुख्यालय के तैनात डीआईजी जेल/पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीना को आगरा परिक्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई। जेल मुख्यालय से हटाकर उन्हें इस परिक्षेत्र की जेलों के निरीक्षण के साथ अन्य जिम्मेदारी दी गई है। यह आदेश पुलिस महानिदेशक/ महानिरीक्षक कारागार एसएन साबत ने जारी किया है।

एसएन साबत के जारी आदेश में कहा गया है कि पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीना अब मुख्यालय के स्थान पर आगरा परिक्षेत्र की आगरा जिला जेल, आगरा केंद्रीय कारागार, अलीगढ़, एटा समेत परिक्षेत्र की समस्त जेलों के अनुरक्षण का कार्य देखेंगे। मालूम हो कि महानिरीक्षक कारागार एसएन साबत ने पिछले दिनों स्थानांतरण सत्र के दौरान हेड वार्डर और वार्डर संवर्ग के तबादलों के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी में जेल मुख्यालय में तैनात डीआईजी जेल एके सिंह को अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक शिवहरी मीना और अनिल कुमार गौतम को सदस्य मनोनीत किया था।

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