UP: जाति आधारित रैली पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, सपा-बीजेपी समेत कई पार्टियों को नोटिस जारी

Allahabad High court: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जाति आधारित रैलियों पर नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी-बीजेपी समेत कई राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 10 अप्रैल को तय की है।

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसने ऑनलाइन जवाबी हलफ़नामा दाखिल कर दिया है। हालांकि कोर्ट के रिकॉर्ड पर उक्त हलफ़नामा नहीं मिला। इस पर कोर्ट ने आयोग को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका देते हुए मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख तय की है।

फिलहाल, इसमें शामिल राजनीतिक दलों ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोर्ट के नोटिस का जवाब नहीं दिया है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में जातीय आधार पर राजनीतिक रैलियों को लेकर वर्ष 2013 में याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में राजनीतिक दलों पर ब्राह्मण रैली, क्षत्रिय रैली, वैश्य सम्मेलन आदि नाम से अंधाधुंध रैलियों पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में हाईकोर्ट पहले भी नोटिस जारी कर चुका है। याचिकाकर्ता के अनुसार अदालत ने पूर्व के आदेश में चुनाव आयोग समेत केंद्र और राज्य सरकारों को जातीय रैलियों के खिलाफ गाइडलाइंस बनाने का आदेश दिया था।

11 नवंबर 2022 के आदेश के अनुपालन में नोटिस भेजी गई थी। इसके बाद यह नया नोटिस भेजा गया है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा साल 2013 में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

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