UP: छात्रवृत्ति वितरण में एनआरएचएम से बड़ा घोटाला, CBI जल्द दर्ज करेगी केस

अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में फर्जीवाड़े का आंकड़ा 11 अरब के पार जाएगा, सीबीआई जल्द दर्ज करेगी केस

Sandesh Wahak Digital Desk : यूपी में एनआरएचएम से बड़ा घोटाला छात्रवृत्ति वितरण में है। पारदर्शिता के लिहाज से सरकार ने भले सीधे खातों में छात्रवृत्ति भेजना शुरू किया, लेकिन इसके बावजूद बच्चों का हक़ डकारने वालों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

फिलहाल मदरसों और अल्पसंख्यक कॉलेजों में छात्रवृत्ति घोटाले की कलंक कथा सुर्खियां बटोर रही है। केंद्र के आदेश पर सीबीआई जल्द ही मुकदमा दर्ज करने जा रही है। घोटाले की असल राशि 1100 करोड़ पार करेगी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों के मुताबिक इन संस्थानों में बीते एक दशक से छात्रवृत्ति घोटाले की इबारत लिखी जा रही थी। यूपी में सीबीआई एसीबी के अफसरों ने घोटाले से जुडी शुरूआती जानकारियां जुटाना शुरू कर दिया है। जिसके आधार पर जल्द ही मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

योगी सरकार में जांच तेज होने पर घोटाला होंगे बेनकाब

वर्ष 2017 के बाद योगी सरकार में जांच तेज होने पर घोटाला बेनकाब होते देर नहीं लगी। मदरसों में बच्चे कम मिले या अपात्र पाये। पिछले वर्ष सरकार ने मदरसों और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में  इसी के मद्देनजर कक्षा-1 से 8 तक की छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला लिया था।

यूपी में केन्द्र सरकार के आदेश पर थर्ड पार्टी जांच एनसीएईआर ने की है। जिसके बाद पूरा घोटाला सतह पर आया। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय से उत्तर प्रदेश में 80 प्रतिशत छात्रवृत्ति कक्षा-1 से 8 के छात्रों के लिए मदरसों और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बच्चों के नाम जारी हुई है।

2017 से पांच वर्षों के दौरान तकरीबन तीन अरब रुपये सालाना का बजट जारी हुआ है। इसी से आशंका है कि छात्रवृत्ति में घोटाले का आंकड़ा 11 अरब की धनराशि को पार करेगा। खासतौर पर पश्चिमी यूपी के तमाम जिलों में इस घोटाले ने रफ्तार तेज पकड़ी है।

पूर्ववर्ती सपा सरकार को कैग ने किया था बेनकाब

इससे पहले 2018 में कैग ने तमाम राज्यों में दशमोत्तर छात्रवृति में कई हजार करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया था। सपा सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में यूपी में 1.76 लाख मामले ऐसे पकड़े गए। जिसमें एक ही क्रमांक के जाति प्रमाण पत्र पर 234 करोड़ बांटे गए। वहीं 34652 केसों में अभ्यर्थियों के आवेदन में एक ही क्रमांक यानि सेम हाईस्कूल के सर्टिफिकेट पर 60 करोड़ जारी कर दिए गए। 13303 मामलों में एक ही बोर्ड के रोल नंबर व एक ही जाति प्रमाण पत्र के बावजूद 28 करोड़ बांटे गए। सिर्फ यूपी के 75 में से 10 जिलों की जांच में 100 करोड़ से ऊपर का छात्रवृत्ति घोटाला पकड़ में आया था।

हाइजिया घोटाले में आईएएस-पीसीएस पर मेहरबानी

बीते वर्षों में समाज कल्याण से लेकर अल्पसंख्यक कल्याण महकमें में तैनात रहे अफसरों ने इस घोटाले से खूब मलाई खाई है। हाल ही में ईडी ने हाइजिया ग्रुप के जरिये करोड़ों के घोटाले में हुई मनी लांड्रिंग को बेनकाब किया है। इस घोटाले के दायरे में भले दर्जनों कॉलेज आ रहे हैं। लेकिन अभी तक एक भी आईएएस-पीसीएस अफसर तक ईडी के हाथ नहीं पहुंचे हैं।

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