UP : बदमाश दे रहे चुनौती तो कहीं शोहदों ने भरे बाजार उछाली इज्जत

Sandesh Wahak Digital Desk/Abhishek Srivastava: उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा हैं। कहीं बदमाश पुलिस को चुनौती दे रहे हैं तो कहीं शोहदे लड़कियों और महिलाओं की इज्जत को भरे बाजार उछाल रहे हैं। यही नहीं महाराजगंज में खूनी दरिंदे भाजपा नेता व खाकी की सांठगांठ, मिर्जापुर लूट व हत्याकांड और देवरिया कांड ने सरकार की जमकर किरकिरी कराई।

सीएम योगी ने अधिकारियों को लगाई थी फटकार

हालांकि कुछ मामलों जैसे दुबग्गा डकैतीकांड, उन्नाव लूटकांड, अयोध्या महिला सिपाही कांड में पुलिस की सटीक कार्रवाई ने शोहदों और अपराधियों को घुटनों पर बैठा दिया। यह पहला ऐसा वक्त था जब अपराधियों के बढ़ते हौसले को देख आखिरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हाल ही में अब तक की सबसे बड़ी समीक्षा बैठक कर अफसरों को लताड़ लगाते हुए पेंच कसे। साथ ही नीचे से लेकर ऊपर तक के अफसरों की जवाबदेही तय की।

योगी सरकार महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के प्रति गंभीर है। इसके बाद भी यूपी पुलिस लापरवाह बनी हुई है। अंबेडकरनगर और वाराणसी में पुलिस की लापरवाही से छात्रा खुशी और नैंसी की जान चली गई। अगर पुलिस पहले ही शोहदों के खिलाफ कारवाई करती तो दोनों छात्राएं आज जिंदा होती।

लेकिन शोहदों के खिलाफ शिकायत के बाद भी पुलिस लापरवाह बनी रही, नतीजा दोनों छात्राओं की मौत के रूप में सामने आया। हालांकि बाद में अंबेडकरनगर पुलिस ने मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हुए आरोपियों को जेल भेज दिया।

मिर्जापुर बैंक लूट का खुलासा अभी तक नहीं हुआ

12 सितंबर को मिर्जापुर में खूनी लुटेरों ने कैश वैन में तैनात गार्ड जय सिंह की गोली मारकर हत्या करने के बाद 35.30 लाख रुपए लूट लिया। वारदात के दौरान बदमाशों ने तीन अन्य को भी गोली मारकर घायल किया। पुलिस ने वारदात को चुनौती के रूप में स्वीकार किया। सीसी कैमरे में बदमाश कैद हुए। केस पर एसटीएफ को भी लगाया गया। मिर्जापुर ही नहीं वाराणसी समेत पूर्वांचल में कई जगह पड़ताल की लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। असफलता और लापरवाही पर सीओ समेत पांच को निलंबित करने के साथ ही एएसपी पर गाज गिरी, लेकिन करीब दो माह भी पुलिस के हाथ खाली हैं।

माना जा रहा है कि छठ पर्व के बाद पुलिस महकमे में बड़े पैमाने पर फेरबदल होंगे। शासन स्तर पर आईपीएस तबादलों की सूची तैयार कर ली गई है। सिर्फ मुख्यमंत्री की अनुमति मिलने का इंतजार है। सूची में एडीजी रैंक से लेकर एसपी रैंक के अधिकारियों का नाम है। यही नहीं डीजीपी मुख्यालय में तैनात कुछ अधिकारियों को भी इधर से उधर किया जा सकता है।

यह हुईं बड़ी वारदातें

  • 14 नवंबर – कृष्णानगर में पीएसी  के इंस्पेक्टर सतीश सिंह की गोली मारकर हत्या।
  •  30 अक्टूबर -कानपुर में टेक्सटाइल कारोबारी के बेटे कुशाग्र की अपहरण कर हत्या।
  •  07 अक्टूबर- लखनऊ के दुबग्गा में ठेकेदार और नातिन को बंधक बनाकर 9 लाख की डकैती।
  •  21 सितंबर- अलीगढ़ में बिजली विभाग के कैशियर सोनू सिंह पर फायरिंग कर 2.81 लाख की लूट।
  • 19 सितंबर – झांसी में पुलिस वैन से तीन बंदी फरार, आठ पुलिस बर्खास्त।
  • 12 सितंबर -मिर्जापुर में कैश वैन से 35 लाख लूटे, गार्ड की हत्या की।

इन वारदातों के खुलासे से मिली राहत

  • 27 सितंबर – उन्नाव में 15 लाख की लूट, चंद घंटे में पुलिस ने पूरी रिकवरी कर आरोपी पकड़े।
  •  22 सितंबर – अयोध्या में महिला सिपाही पर हमले का आरोपी अनीश ढेर, आजाद और विशंभर घायल।
  • 22 सितंबर -चिनहट में बीबीडी की लॉ छात्रा निष्ठा की गोली मारकर हत्या।
  • 19 सितंबर -शाहजहांपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक गुप्ता की हत्या, बदमाश शहबाज ढेर।
  • 15 सितंबर – अंबेडकरनगर में छात्रा से छेड़छाड़ और मौत के मामले में एनकाउंटर।
  • 11 सितंबर – अलीगढ़ में 11वीं की छात्रा से गैंगरेप, पांच गिरफ्तार।

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