15 साल बाद सौम्या विश्वनाथन केस में आया फैसला, सभी आरोपी दोषी करार

Soumya Vishwanathan Murder Case: टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्या के मामले में साकेत कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सभी 5 आरोपियों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह ऑफिस से घर लौट रही थीं।

पुलिस ने उसकी हत्या का कारण डकैती बताया था और आरोपियों पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मकोका) लगाया था। हत्या के इस मामले में मार्च 2009 में पांच आरोपी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया था। तब से वे लोग हिरासत में हैं। पुलिस ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया था।

सभी आरोपियों पर लगा था मकोका

पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी कई महीनों तक इस केस में कुछ हाथ नहीं लग पा रहा था। 2009 में वसंत विहार के एक कॉल सेंटर में काम करने वाली जिगिशा घोष का अपहरण और उसके बाद मर्डर हो गया। इसी मामले में खोजबीन के दौरान एक सीसीटीवी फुटेज से बलजीत मलिक की फोटो हाथ लगी। बलजीत से पूछताछ के बाद रवि कपूर का नाम सामने आया। पुलिस ने कपूर को गिरफ्तार करके दोनों से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सौम्या के मर्डर की बात कबूल की। इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मकोका लगा दिया गया था।

आरोपियों ने चलती कार में मारी थी सौम्या को गोली

साल 2008 में (30 सितंबर) को सौम्या विश्वनाथन अपने दफ्तर से घर लौट रही थीं। वह अपनी कार ड्राइव कर वसंत कुंज स्थित अपने घर जा रही थीं। उसी वक्त वसंत विहार में आरोपियों को कार में एक लड़की जाती हुई नजर आई और वे सौम्या का पीछा करने लगे। उन्होंने सौम्या की कार को ओवरटेक करने की कोशिश की लेकिन जब इसमें कामयाबी नहीं मिली तो रवि कपूर ने अपनी पिस्टल निकाली और सौम्या पर फायर कर दिया और फरार हो गए।

सौम्या के सिर में गोली लगने के बाद कार बेकाबू हो गई और पोल से जा टकराई। पुलिस शुरू में इसे एक्सीडेंट का मामला मान कर चल रही थी लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद पता चला कि सौम्या के सिर में गोली लगी थी और इसी कारण महिला पत्रकार की मौत हुई थी। तब जाकर वसंत कुंज थाने में पुलिस ने इस मामले में मर्डर का केस दर्ज किया था।

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