अजब-गजब: निर्माण कार्यों के लिए 300 करोड़ का बजट, अभियंता एक भी नहीं

प्रदेश के जेल मुख्यालय में एक निर्माण विभाग है। इस विभाग से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का कार्य होता है लेकिन आश्चर्यजनक है कि इस विभाग में एक अभियंता नहीं है।

Sandesh Wahak Digital Desk/Rakesh Yadav: प्रदेश के जेल मुख्यालय में एक निर्माण विभाग है। इस विभाग से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का कार्य होता है लेकिन आश्चर्यजनक है कि इस विभाग में एक अभियंता नहीं है। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन सच है। विभाग में पदों को सृजन जरूर किया गया है। इसके बावजूद इन पदों पर कोई तैनात नहीं किया है। सूत्र बताते हैं कि विभाग के आला अफसर ही नहीं चाहते कि इस विभाग में अधिकारियों की तैनाती हो। आरोप है कि इस विभाग में प्रतिवर्ष लाखों का गोलमाल किया जा रहा है। मामला हाईकमान से जुड़ा होने की वजह से विभागीय अधिकारी इस गंभीर मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

वर्तमान समय में प्रदेश के कई जनपदों में नई जेलों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही जेलों में नई बैरकों के निर्माण के साथ ही साथ जेलों में होने वाली टूट-फूट की रिपयेरिंग का काम भी बड़े पैमाने पर कराया जाता है। इन कार्यों के लिए शासन की ओर से प्रतिवर्ष करीब 300 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया जाता है।

सूत्रों का कहना है कि निर्माण के लिए आवंटित होने वाली धनराशि से होने वाले कार्यों को स्वीकृत करने का अधिकार महानिदेशक कारागार (प्रमुख सचिव) के पास होता है। निर्माण कार्य की वित्तीय स्वीकृत होने के बाद कार्यों का आवंटन जेल मुख्यालय की ओर से कार्यदायी संस्थाओं को किया जाता है। मिली जानकारी के मुताबिक जेल मुख्यालय में निर्माण विभाग की इकाई में एक अधिशाषी अभियंता, एक सहायक अभियंता, तीन अवर अभियंता, एक संगणक और दो ड्राफ्ट मैन के पद सृजित हैं।

सूत्रों का कहना है कि वर्तमान समय में यह सभी पद खाली पड़े हुए हैं। वर्तमान समय में निर्माण इकाई द्वारा कराए जा रहे कार्यों की कमान तीन प्रशिक्षक निर्माण कार्मिकों के हाथों में है।

जानकारों का कहना है कि इन प्रशिक्षण निर्माण कार्मिकों के पदों को उच्चीकृत कर अभियंता की भांति कर दिया गया है। बताया गया है कि राजधानी की आदर्श कारागार के प्रशिक्षक निर्माण कार्मिक दिनेश त्रिपाठी को अवर अभियंता के पद पर कार्य करने के लिए जेल की ओर से प्रतिनियुक्ति पर जेल मुख्यालय के निर्माण इकाई भेजा गया था। वर्तमान समय में नई जेलों के निर्माण से लेकर मरम्मत तक का कार्य अपने दो अन्य अनुदेशकों की मदद से वही देख रहे हैं।

डीआईजी जेल ने माना अभियंताओं के सभी पद खाली

प्रदेश के जेल मुख्यालय के निर्माण विभाग में अभियंताओं की तैनाती के संबंध में जब उपमहानिरीक्षक जेल मुख्यायलय अरविंद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने निर्माण विभाग में अधिशाषी अभियंता समेत अन्य समस्त खाली पड़े पदों की पुष्टि करते हुए बताया कि वर्तमान समय में निर्माण कार्य के लिए तीन अनुदेशक लगाए गए हैं। अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व में निर्माण में एक सहायक अभियंता तैनात थे उनके सेवानिवृत हो जाने के बाद से यह पद भी खाली पड़ा है। प्रशिक्षक निर्माण कर्मी को सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नत किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शासन का मामला है।

Also Read: मनी लॉन्ड्रिंग केस : ईडी ने एम3एम समूह के निदेशक को किया गिरफ्तार

Get real time updates directly on you device, subscribe now.