सनातन धर्म के अपमान हुई कोशिश, राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे चुप हैं : अनुराग ठाकुर

Sandesh Wahak Digital Desk : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि सनातन धर्म का ‘अपमान’ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने इस पर ‘‘चुप्पी साधने’’ के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा।

भाजपा के नेता की यह टिप्पणी द्रमुक(द्रविड़ मुनेत्र कषगम) नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिए बयान को लेकर मचे बवाल के बीच आई है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म लोगों में विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देता है और इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए।

द्रमुक नेता ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना ‘कुष्ठ रोग’ और ‘एचआईवी’ जैसी बीमारियों से की थी। राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने भगवद्गीता पढ़ी है और कई उपनिषद पढ़े हैं। भाजपा जो करती है उसमें हिंदू (धर्म) जैसा कुछ भी नहीं है, बिल्कुल भी नहीं। इस पर ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को सनातन धर्म के अपमान पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।

सनातन धर्म का अपमान करने की एक के बाद एक कोशिश जारी

उन्होंने दावा किया कि विपक्ष केवल सनातन धर्म का अपमान करने में लगा हुआ है। यह उनकी मानसिकता दिखाता है और सनातन धर्म का अपमान करने की एक के बाद एक कोशिश जारी है। इंडिया बनाम भारत बहस को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा कि कुछ लोगों की डर तथा भ्रम फैलाने और झूठ बोलने की आदत होती है और इन लोगों ने अपनी पूरी जिंदगी यही किया है।

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद गोधरा जैसी घटना हो सकती है। इस पर ठाकुर ने दावा किया कि कुछ लोग सत्ता के लालच में अपनी विचारधारा भूल गए हैं।

ठाकुर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि बालासाहेब (शिवसेना के दिवंगत संस्थापक और उद्धव ठाकरे के पिता) आज क्या सोचते और उद्धव जी सत्ता के लालच के लिए आज क्या कर रहे हैं। जब सनातन धर्म के बारे में कई सारी बातें कही जा रही है तो राहुल जी और उद्धव जी ने एक शब्द नहीं कहा।

पहले जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हो सकता

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हो सकता है। गुजरात के गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस से अयोध्या से लौट रहे ‘कारसेवकों’ पर हमला किया गया था और उस डिब्बे में आग लगा दी गई थी, जिसमें कारसेवक सवार थे। इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई थी और इसके बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क गए थे।

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