लू लगने से सिरदर्द के अलावा होती हैं और भी समस्याएं, कैसे करें बचाव

इस मौसम में लू से बचने की नितांत आवश्यकता है अन्यथा आप बीमार पड़ जाएंगे और आपका काम प्रभावित हो सकता है।

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। इस मौसम में लू से बचने की नितांत आवश्यकता है अन्यथा आप बीमार पड़ जाएंगे और आपका काम प्रभावित हो सकता है। कुछ सावधानियां बरत कर लू और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। आइए आज लू के लक्षण, इससे खतरा, लू लग जाने के बाद क्या करें, कैसे अपना बचाव करें।

लू लगने के लक्षण और इसका ख़तरा

सिरदर्द, थकावट, तेज़बुखार और बेहोशी इसके लक्षण हैं. लू लगने पर उल्टी और चक्कर भी आ सकता है और मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकती है। शारीरिक रूप से कमज़ोर लोग, छोटे बच्चों , उच्च रक्तचाप और हृदय रोगी को सावधानी बरतनी चाहिए।

लू लगने पर क्या करें

सबसे पहले मरीज को ठंडी और छायादार जगह में बिठाएं, कपड़े ढीले कर दें, पानी पिलाएं और ठंडा कपड़ा उसके शरीर पर रखें। शरीर के तापमान को कम करने की कोशिश करें। लू लगने पर ऐसा करना सबसे जरूरी है। लगातार तरल पदार्थ देकर उसके शरीर में पानी की कमी न होने दें। उसके हाथ-पैरों की हल्के हाथों से मालिश करें। तेल न लगाएं। नमक व चीनी मिला हुआ पानी, शर्बत आदि दें। गुलाब जल में रुई भिगोकर आंखों पर रखें। फिर भी आराम न आए तो चिकित्सक के पास ले जाएं।

कैसे करें बचाव

  • तेज गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचें। नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें।
  • घर से बाहर पूरे और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि उनमें हवा लगती रहे।
  • ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
  • सूती कपड़े पहनें। सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनें।
  • खाली पेट बाहर न जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें।
  • धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें।
  • चश्मा पहनकर बाहर जाएं। चेहरे को कपड़े से ढक लें।
  • घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर निकलें, जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत आदि। साथ में भी पानी लेकर चलें।
  • बहुत ज्यादा पसीना आया हो तो फौरन ठंडा पानी न पीएं। सादा पानी भी धीरे-धीरे करके पीएं। कभी कभी हल्का गुनगुना गर्म पानी पीना भी फायदेमंद हो सकता है।
  • रोजाना नहाएं और शरीर को ठंडा रखें। यदि हो सके तो सुबह शाम नहाएं।
  • घर को हमेशा ठंडा रखने की कोशिश करें।
  • बाजार से कटे हुए फल न लें।

लू लगने पर खानपान

बेल या दूसरी तरह के शर्बत और जौ यानी बार्ली का पानी दें। भोजन में दाल चावल, खिचड़ी, हरी सब्जियां (नेनुआ लौकी तोरी), कच्चा पपीता आदि ले सकते हैं। साथ ही थोड़ी दही भी ले सकते हैं। बाहर का खाना बिल्कुल भी न खाएं। घर में भी परांठा, पूड़ी-कचौड़ी आदि तला-भुना न खाएं। नीबू पानी और इलेक्ट्रॉल पीते रहें। शुगर के मरीज बिना चीनी का शर्बत और ठंडाई लें। आधा दूध और आधा पानी मिलाकर मट्ठा अथवा छाछ पीएं।
एक बार लू लग जाने के बाद लक्षणों के अनुसार होमियोपैथिक दवा लेने से मरीज को जल्दी आराम मिल जाता है।

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