‘पीएम मोदी चांद के मालिक नहीं…’ भड़के कांग्रेस नेता, बीजेपी ने किया तीखा पलटवार

Sandesh Wahak Digital Desk: ग्रीस से वापस लौटने के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी सीधे बेंगलुरु पहुंचकर इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने तीन बड़े ऐलान किये, जिसमें कहा कि चंद्रयान-3 के टचडाउन पॉइंट को शिव शक्ति पॉइंट के रूप में जाना जाएगा. चंद्रयान-2 के टचडाउन पॉइंट को तिरंगा पॉइंट के नाम से जाना जाएगा. 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा. वहीं, लैंडिंग पॉइंट का नाम शिव शक्ति रखे जाने से कांग्रेस नेता राशिद अल्वी भड़क गए. उन्होंने इसे हास्यास्पद बताया.

एक इंटरव्यू में राशिद अल्वी ने कहा कि ‘पीएम मोदी को चंद्रमा की सतह का नामकरण करने का अधिकार नहीं है. पूरी दुनिया हम पर हंसेगी. पीएम मोदी चांद के मालिक नहीं हैं. हम चंद्रमा पर पहुंचे, यह बहुत अच्छा है. हमें इस गर्व भी है. लेकिन हम चांद के मालिक नहीं है.’

साल 2008 में जब चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर लैंडिंग की तो उस जगह को जवाहर पॉइंट रखा गया था? लेकिन, पीएम मोदी ने इस पॉइंट का नाम अपने या किसी अन्य नेता के नाम पर नहीं रखा? इस सवाल के जवाब में अल्वी ने कहा कि ‘जवाहर लाल नेहरू का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है. इसरो आज जो कुछ भी है, वह नेहरू की बदौलत है. 1962 में विक्रम साराभाई और पंडित नेहरू ने इसरो की स्थापना की थी. लेकिन अब पीएम मोदी जी राजनीति कर रहे हैं.’

वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस अपने हिंदू विरोधी चरित्र को दिखा रही है. यह वही पार्टी है, जिसने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था. राम मंदिर का विरोध किया, हिंदुओं को गाली दी. दोनों नाम शिव शक्ति पॉइंट और तिरंगा पॉइंट देश से जुड़े हैं. राशिद अल्वी को यह हास्यास्पद क्यों लगता है? विक्रम लैंडर का नाम भी विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है. इनके नेता खुद को जनेऊधारी कहते हैं. कांग्रेस का सिद्धांत ही पहले परिवार है. ये केवल गांधी परिवार, जवाहरलाल नेहरू की प्रशंसा करेंगे.’

बता दें कि चांद पर शेकलटन क्रेटर के क्षेत्र को जवाहर पॉइंट के नाम से जाना जाता है. 14 नवंबर, 2008 को इस जगह पर इसरो का मून इंपैक्ट प्रोब दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. 14 नवंबर को देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन मनाया जाता है. इसलिए तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस पॉइंट का नाम जवाहर स्थल रखा था.

 

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