मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व न्यायाधीश के भतीजे को ED ने किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंचकूला की विशेष अदालत के निलंबित न्यायाधीश के खिलाफ कथित रिश्वत के मामले में मनी लांड्रिंग संबंधी जांच के सिलसिले में उनके भतीजे को गिरफ्तार किया है।

Sandesh Wahak Digital Desk: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंचकूला की विशेष अदालत के निलंबित न्यायाधीश के खिलाफ कथित रिश्वत के मामले में मनी लांड्रिंग संबंधी जांच के सिलसिले में उनके भतीजे को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संघीय एजेंसी ने विशेष अदालत के पूर्व न्यायाधीश सुधीर परमार के भतीजे अजय परमार के परिसरों की तलाशी ली और इसी दौरान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया।

ईडी (ED) ने इस मामले में 14 जून को गुरुग्राम के रियल्टी समूह एम3एम के दो निदेशकों और ‘प्रबंधन से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों’ बसंत बंसल और पंकज बंसल को गिरफ्तार किए जाने के ठीक एक दिन बाद यह गिरफ्तारी की है।

एजेंसी ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि बसंत बंसल और पंकज बंसल को पंचकूला में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें पांच दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया।

पंचकूला में नियुक्त थे पूर्व न्यायाधीश

धन शोधन के जिस मामले में गिरफ्तारियां की गई हैं, वह हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अप्रैल में सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के तीसरे निदेशक रूप कुमार बंसल एवं अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उपजा है। सुधीर परमार ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामलों के पूर्व विशेष न्यायाधीश थे और वह पंचकूला में नियुक्त थे।

पूर्व न्यायाधीश ने अपनाया था पक्षपातपूर्ण रवैया

प्राथमिकी के अनुसार, ईडी ने कहा कि विश्वस्त जानकारी मिली थी कि परमार का अभियुक्तों यानी रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और रियल इस्टेट कंपनी आईआरईओ के मालिक ललित गोयल के आपराधिक मामलों में ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ रवैया था। इनके खिलाफ ईडी और सीबीआई के अन्य मामले परमार की अदालत में लंबित थे।

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