फर्जीवाड़ा: जाली दस्तावेज से पाई सिपाही की नौकरी, 7 साल करता रहा मौज, मुकदमा दर्ज

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र व जाति प्रमाण पत्र बनाकर जालसाज संतोष कुमार ने वर्ष 2015 में हुई पुलिस आरक्षी एवं आरक्षी पीएसी पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा पास की।

Sandesh Wahak Digital Desk: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र व जाति प्रमाण पत्र बनाकर जालसाज संतोष कुमार ने वर्ष 2015 में हुई पुलिस आरक्षी एवं आरक्षी पीएसी पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा पास की। सीतापुर में तैनात सिपाही संतोष कुमार के खिलाफ पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड में फर्जीवाड़े की शिकायत की गई। गठित कमेटी ने जांच की तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। जाली दस्तावेज से विभाग में 7 साल से नौकरी कर रहे सिपाही संतोष कुमार के खिलाफ हुसैनगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अनुसचिव अपर पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2015 में संपन्न कराई गई पुलिस आरक्षी एवं आरक्षी पीएसी पदों पर सीधी भर्ती में संतोष कुमार का चयन आरक्षी नागरिक के पद पर हुआ था। उसके बाद उनकी नियुक्ति सीतापुर में हुई। 22 अगस्त 2022 को किशन लाल निवासी पूरनपुर पीलीभीत ने सिपाही संतोष कुमार के खिलाफ एक शिकायती पत्र बोर्ड में दिया। जिसमे संतोष ने हाईस्कूल वर्ष 2003 व इंटर 2005 में पास कर जन्मतिथि 8 अप्रैल 1986 बताई गई।

शिक्षा विभाग से रिटायर हैं आरोपी के पिता 

प्रार्थना पत्र में यह भी लिखा गया कि संतोष ने अपनी वास्तविक जन्मतिथि छिपाते हुए 2013 में हाईस्कूल व 2015 में इंटर पास कर जन्मतिथि 16 जुलाई 1996 अंकित कराई। इस शिकायती पत्र मिलने के बार बोर्ड ने एक कमेटी का गठन कर जांच कराई। जांच में पता चला कि सिपाही संतोष कुमार के पिता लाखन सिंह शिक्षा विभाग से रिटायर हैं। वे पीलीभीत के प्राइमरी पाठशाला मोहम्मदपुर पिपरिया में नियुक्त थे।

प्राइमरी विद्यालय से हुआ अहम खुलासा

कमेटी ने लाखन सिंह के सेवा अभिलेखों एवं चरित्र पंजिका की पड़ताल से बेलदार अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में सेवा करने की पुष्टि हुई। कमेटी ने सिपाही संतोष कुमार की शैक्षणिक योग्यता के संबंध में प्राइमरी विद्यालय भगवंतपुर पीलीभीत के प्रिंसिपल से जानकारी की गई। पता चला कि संतोष कुमार को 13 जुलाई 1991 में स्कूल की कक्षा-1 में प्रवेश लेने और कक्षा-5 में लगातार गैरहाजिर रहने के कारण 27 अप्रैल 1996 को परीक्षा से पहले स्कूल के अभिलेखों में खारिज करने व अभिलेख में जन्मतिथि 8 अप्रैल 1986 मिली। जबकि संतोष ने 2013 में हाईस्कूल व 2015 में इंटर के प्रमाण पत्र जमा किए थे। इसके साथ ही सामान्य निवास प्रमाण पत्र 25 जनवरी 2016 एवं पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र 26 जनवरी का प्रस्तुत किया गया था।

फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर कर दिया खेल

कमेटी की जांच में सामने आया कि सिपाही संतोष कुमार ने अपनी जन्मतिथि बदलकर व लोनिया जाति (ओबीसी) के जाली पेपर बनाकर गाजीपुर जनपद से 10वीं और 12वीं पास कर उसके नंबरों के आधार पर सिपाही भर्ती परीक्षा पास की थी। एएसपी की तहरीर पर हुसैनगंज पुलिस (Lucknow) ने संतोष कुमार के खिलाफ जाली दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

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