संपादक की कलम से : तनाव का नया केंद्र हिंद महासागर

Sandesh Wahak Digital Desk : हिंद महासागर वैश्विक तनाव का नया केंद्र बनता दिख रहा है। विशेषकर यहां भारत-चीन के बीच शक्ति प्रदर्शन शुरू हो गया है। हाल में चीन की गोद में बैठे छोटे से द्वीप मालदीव में जहां चीन का जासूसी जहाज जियांग यांग होंग यहां पहुंचने वाला है, वहीं भारत ने अपनी शक्तिशाली पनडुब्बी आईएनएस करंज को श्रीलंका भेज दिया है।

सवाल यह है कि :

  • क्या चीन, भारत को घेरने के लिए समुद्र में नया मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा है?
  • क्या वह मालदीव के सहारे भारत पर दबाब बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है?
  • क्या चीन की मौजूदगी से निपटने के लिए भारत को और तैयारी करनी होगी?
  • क्या पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में बढ़ते चीनी प्रभाव से निपटने के लिए भारत को नयी नीति बनाने की जरूरत है?
  • क्या स्थलीय सीमा के बाद अब चीन भारत को समुद्र में चुनौती देने की कोशिश कर रहा है?

भारत और चीन के संबंध कभी भी मधुर नहीं रहे हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद चीन हर बार भारत की पीठ पर खंजर घोंपने का काम करता रहा है। 1962 का युद्ध इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। चीन, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख पर अपना दावा करता है और इसको हथियाने की कोशिश में लगा रहता है। गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। सीमा पर दोनों ओर सेनाएं आमने-सामने हैं।

पाकिस्तान को छोड़कर बाकी देश चीन की चालबाजियों को समझ चुके

इसके अलावा चीन भारत के पड़ोसी पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि पाकिस्तान को छोड़कर बाकी देश चीन की चालबाजियों को समझ चुके हैं। लिहाजा, चीन ने हिंद महासागर में भारत को घेरने के लिए यहां के छोटे से द्वीप मालदीव को अपने शिकंजे में कसना शुरू कर दिया है। मालदीव पर चीन का कर्ज बढ़ता जा रहा है।  यहां चीन ने अपने मनमुताबिक मोहम्मद मुइज्जू की सरकार भी बनवा दी है और मोइज्जू सरकार चीनी इशारे पर काम कर रही है। हाल में मालदीव ने भारत से अपने संबंध बेहद खराब कर लिए हैं।

मुइज्जू सरकार ने अपने यहां मौजूद 78 भारतीय सैनिकों को वापस जाने के लिए कह दिया है। साथ ही चीन के जासूसी जहाज को अपने यहां आने की अनुमति दे दी है। इससे चीन को कोई फायदा हो या नहीं लेकिन मालदीव को बड़ा नुकसान होगा। मुइज्जू अपने सबसे बड़े मददगार भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं जिसके परिणाम मालदीव के लिए ठीक नहीं होंगे।

वहीं हिंद महासागर में बढ़ती चीनी घुसपैठ को देखकर भारत ने भी कमर कस ली है। श्रीलंका में पनडुब्बी भेजना इसी रणनीति का हिस्सा है। इसके जरिए भारत ने न केवल चीन बल्कि हिंद महासागर में स्थिति देशों को कड़ा संदेश दे दिया। इसके अलावा वह अपनी नौसैनिक शक्ति को भी बढ़ा रहा है। हाल में उसने सर्वे पोत भी उतार दिया है। साफ है आने वाले दिनों में हिंद महासागर तनाव का बड़ा केंद्र बन सकता है।

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