आवास विकास परिषद: गरीबों से वसूला जा रहा पांच गुना ज्यादा शुल्क

उत्तर प्रदेश में आवास विकास परिषद दाखिल खारिज के लिए तय शासनादेश को दरकिनार करके मनमानी तरह से शुल्क वसूल रहा है।

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में आवास विकास परिषद दाखिल खारिज के लिए तय शासनादेश को दरकिनार करके मनमानी तरह से शुल्क वसूल रहा है। शासनादेश के मुताबिक गरीबों के पांच लाख तक के मकान के लिए केवल एक हजार रुपये शुल्क निर्धारित है लेकिन आवास विकास पांच हजार रुपये वसूल रहा है। 50 लाख के मकान के लिए 50 हजार और डेढ़ करोड़ के मकान, फ्लैट व प्लॉट के लिए लोगों से 1.50 लाख रुपये जमा कराए जा रहे हैं। नतीजतन प्रदेश भर में हजारों लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।

शासन ने इस पर न सिर्फ सख्त रवैया अख्तियार किया है बल्कि कार्रवाई के लिए भी मन बनाया है। आवास आयुक्त फिलहाल राजधानी से बाहर हैं। बुधवार को आने पर उनसे इस विषय पर रिपोर्ट मांगे जाने के आसार हैं।

दरअसल परिषद अभी पूर्व की तरह सम्पत्तियों का एक प्रतिशत शुल्क वसूल रहा है। अफसरों की मनमानी की खबरें जब मुख्यमंत्री योगी के दरबार में पहुंची तो झट निर्णय हुआ। अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने 25 जुलाई 2022 को इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इसमें कम से कम एक हजार और अधिकतम 10 हजार रुपये ही शुल्क की व्यवस्था दी गई। इससे प्रदेश भर में दाखिल खारिज का शुल्क एक समान हो गया था। इससे ज्यादा कोई नहीं ले सकता है। प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण इसी आधार पर शुल्क वसूल रहे हैं, लेकिन आवास विकास शासन के आदेश को ठेंगे पर रखे है।

शासनादेश का जिक्र करने पर 2504 लोगों के आवेदन निरस्त

आवास विकास ऑनलाइन दाखिल खारिज करता है। अब तक उसके पास कुल 7817 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें से 4695 लोगों का दाखिल खारिज कर चुका है। 618 लोगों का लम्बित है, जिनमें से 271 लोगों का तो समय भी निकल चुका है। फिर भी आवास विकास ने काम नहीं किया। जिन लोगों ने शासनादेश के मुताबिक शुल्क जमा करने की बात कहीं, उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए। सब मिलाकर 2504 लोगों के आवेदन निरस्त किए गए हैं।

आवास आयुक्त से मांगी जाएगी रिपोर्ट: शासन

शासन के एक बड़े अफसर के मुताबिक प्रदेश के प्राधिकरणों व आवास विकास सभी के लिए दाखिल खारिज शुल्क निर्धारित किया गया था। आवास विकास परिषद क्यों इस आदेश को नहीं मान रहा है, इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी। आवास आयुक्त से प्रकरण में रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की जाएगी।

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