खुद को Positive और Happy रखना चाहते हैं तो इन बातों का रखें ध्यान

अपने शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने में अपने शरीर और मन मस्तिष्क को प्रसन्न (Happy) रखना अति आवश्यक है।

Sandesh Wahak Digital Desk: अपने शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने में अपने शरीर और मन मस्तिष्क को प्रसन्न (Happy) रखना अति आवश्यक है। कहा गया है “A healthy mind makes your body healthy”… अगर हम सकारात्मक सोचेंगे तभी अपने मस्तिष्क को स्थित रख पाएंगे और किसी भी बीमारी से डटकर मुकाबला कर सकेंगे। हमारे शरीर में कुछ ऐसे हॉर्मोंस होते हैं जो हमें खुश और सकारात्‍मक रखने के लिए जिम्‍मेदार होते हैं। सरल भाषा में कहें तो डोपामाइन (Dopamine) एक ऐसा कैमिकल मैसेंजर है जो हमारे दिमाग को कई अच्‍छी चीजें करने के लिए प्रेरित करता हैं।

जब हमारे मस्तिष्क में काफी मात्रा में डोपामाइन हार्मोन का स्त्राव होता है तो कई सकारात्‍मक भावनाएं जैसे प्रेरणा, यादें, खुशी और सुकून (happiness and peace) आदि मन में पैदा होती हैं। वहीं जब कम संख्‍या में ये कैमिकल रिलीज होता है तो हम लोगों में निराशा उदासी देखने को मिलते हैं। हालांकि इसका घटना या बढ़ना पूरी तरह से मानव मस्तिष्क और न्यूरोट्रांसमीटर बैंड्स (Human brain and neurotransmitter bands) पर निर्भर करता है लेकिन कुछ प्राकृतिक तरीके भी हैं जिन्‍हें आजमाकर इसे काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।

अगर अगर आप खुद को सकारात्‍मक और खुश (Happy) रखना चाहते हैं तो इन बातों को अपना सकते हैं…

प्रोटीन का प्रयोग

प्रोटीन में 23 टाइप के अमिनो एसिड पाए जाते हैं जिनमें से कुछ अमिनो एसिड शरीर में डोपामाइन कैमिकल को बनाने का काम करती हैं। एक शोध में पाया गया कि प्रोटीन गरिष्ठ भोजन में मौजूद इन अमिनो एसिड की वजह से ब्रेन में डोपामाइन लेवल तेजी से बढ़ा जिससे गान चिंतन और याददाश्त मे तेजी से वृद्धि हुई। इसलिए कहा गया है बढ़िया योग व्यायाम करिए तो कभी कभार महीने में थोड़ा बहुत घर के देशी घी अथवा शुद्ध सरसों के तेल से निर्मित गरिष्ठ भोजन कर लेने से अपने अंदर एक ख़ुशी का एहसास होता है। यही खुशी (Happy) हमारे शरीर एवं मस्तिष्क के लिए बहुत जरूरी होती है।

कम से कम सैचुरेटेड फैट का करें प्रयोग

सैचुरेटेड फैट जैसे एनिमल फैट, मक्खन, फुल फैट डेयरी, पाम ऑयल, नारियल का तेल के अत्‍यधिक सेवन से मस्तिष्क में डोपामाइन का लेवल कम हो जाता है। ऐसे में जहां तक हो सके भोजन में सैचुरेटेड फैट का कम से कम प्रयोग करें। लेकिन ऐसा नहीं कि बिल्कुल इसको बंद कर दिया जाए कभी-कभी इसको लिया जा सकता है।

प्रोबायोटिक का करें प्रयोग

आंतों का हमारे मस्तिष्क से गहरा संबंध होता है। ऐसे में हमारी आंतों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। आंतों में अगर स्वस्थ गुड बैक्‍टीरिया रहते हैं तो यह मस्तिष्क में डोपामाइन लेवल को बढाने में मदद करते हैं जिसका असर मूड और हमारे व्यवहार पर पड़ता है। इसलिए प्रोबायोटिक दही अथवा अन्य किसी खाद्य पदार्थ को लिया जा सकता है।

योग-व्यायाम-कसरत अवश्य करें

सप्‍ताह में 5 दिन योग व्यायाम अगर किया जाए तो इसका असर डोपामाइन लेवल पर निश्चित रूप से पड़ता है। इसका असर पार्किंसन (शारीरिक कंपन) जैसी बीमारियों पर भी पड़ता है जो मस्तिष्क में डोपामाइन लेवल कम होने की वजह से ही होता है। अगर नियमित रूप से व्‍यायाम करें तो यह मूड को अच्‍छा रखने के साथ में कई बीमारियों को दूर रखता है।

पर्याप्‍त नींद जरूरी

नींद की कमी मस्तिष्क में डोपामाइन के स्राव को प्रभावित करता है। पर्याप्‍त नींद के अभाव में शहीद थका थका रहता है बात-बात पर गुस्सा आने लगता है और बराबर सर में भारीपन बना रहता है। इसलिए कहा गया है कि यदि अपने डोपामाइन के स्तर को सुधारना है तो पर्याप्त नींद लेना बहुत आवश्यक है।

संगीत सुनने से गाना गाने से नृत्य करने से तमाम लोगों के मस्तिष्क में डोपामाइन स्तर में वृद्धि देखी गई है। ऐसे में गीत संगीत नृत्य को अपने जीवन में अवश्य शामिल करें।

सूर्य की रोशनी बहुत जरूरी

अगर आप डिप्रेशन महसूस कर रहे हैं और नकारात्‍मक भावनाओं से परेशान हैं तो सुबह सवेरे अपने घर के अंदर रहने की बजाए थोड़ी देर के लिए बाहर निकलें और थोड़ा सा सूर्य की रोशनी में रहें। सूर्य की रोशनी हमारे शरीर में मौजूद डोपामाइन को बढ़ाता है।

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