Lucknow: अग्निकांड की कई घटनाओं के बावजूद अवैध होटलों का बाजार गर्म, जिम्मेदार मौन

लगभग एक दर्जन मौत के बाद भी नहीं जागे अफसर अवैध निर्माण का खेल जारी, कागजी कार्रवाई पक्की कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा लखनऊ (Lucknow) विकास प्राधिकरण

Sandesh Wahak Digital Desk: राजधानी लखनऊ (Lucknow) में अवैध होटलों में अग्निकांड की घटना कई बार सामने आ चुकी हैं, कई अग्निकांड में अब तक लगभग एक दर्जन लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। लेकिन नियमों को ठेंगा दिखाकर अवैध होटल संचालकों के हौसले बुलंद हैं। एलडीए ओर से अभी तक कोई सख्त कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। केवल नोटिस-नोटिस का खेल जारी है। यह हाल तब है जब इस मामले में शासन से लेकर होईकोर्ट तक सख्त है।

  • बीती 7 मई को राजाजीपुरम इलाके में स्थित भव्यपुरम में संचालित एक जनरल स्टोर में आग लगने से सात लोग फंस गए। दमकल कर्मियों ने अपने जान दांव पर लगाकर सभी को सुरक्षित निकाला।
  • 5 सितंबर 2022 होटल लेवाना सुईट्स (Hotel Levana Suites) में आग लगने से हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी जिसका संज्ञान हाईकोर्ट ने भी लिया था।
  • इसी तरह 13 अप्रैल, 2022 को गोमती नगर के होटल सैवी ग्रैंड (Hotel Savvy Grand) में आग लगने के बाद लगभग 100 लोगों को बचाया गया था। कोई मौत नहीं हुई थी।
  • इससे पहले 19 जून 2018 को लखनऊ (Lucknow) के चारबाग इलाके के विराट और एसएसजे इंटरनेशनल होटल (SSJ international Hotel) से सटे होटल में आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई थी।

नोटिस-नोटिस का खेल जारी

उक्त अग्निकांड होने के बाद भी शहर में नियम विरुद्घ निर्माणों का खेल जारी है। मामले की जांच में जिन अफसरों को दोषी पाया गया था, उन पर कार्रवाई की जगह शासन चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्र बतातें हैं कि मामले में फंसने वाले इंजीनियरों से लेकर अफसर शासन की गणेश परिक्रमा कर अपने को निर्दोष साबित करने में जुटे हुए हैं।

सौ निर्माण सील, आधे से ज्यादा में हुई डील

होटल लेवाना सुईट्स में अग्निकांड का जब कोर्ट ने संज्ञान लिया तो एलडीए (LDA) ने आनन-फानन में करीब सौ अवैध निर्माण सील कर दिए थे। इनमें से सबसे ज्यादा निर्माण प्रवर्तन जोन-एक के थे, लेकिन इनमें से ज्यादातर निर्माण पूरे हो चुके हैं, जबकि कई निर्माणाधीन हैं।

होटलों की जांच हुई पर कार्रवाई नहीं

आवास विभाग ने एलडीए को शहर (Lucknow) में अवैध रूप से संचालित होटलों और बड़े भवनों की जांच के निर्देश दिए थे। शासन के आदेश पर एलडीए के इंजीनियरों ने सैकड़ों होटलों की जांच की लेकिन अभी तक किसी भी होटल को गिराया नहीं गया है। जिस होटल में अग्निकांड हुआ था वह होटल भी अभी तक खड़ा हुआ है। इसी तरह चारबाग मेें भी ऐसे होटलों को पूरा संरक्षण मिला हुआ है।

अग्निशमन विभाग भी सुस्त

अग्निशमन विभाग ने लेवना अग्निकांड की घटना के बाद अग्नि सुरक्षा उपायों की कमी वाले 95 भवनों की पहचान की थी। विभाग ने इन भवनों के मालिकों/अधिकारियों को अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2005 की धारा 3/4/5/6 के तहत नोटिस भी जारी किया था। बाद में मामला ठण्डे बस्ते में पहुंच गया।

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