दूसरे दलों से आए नेताओं ने डुबाई UP Congress की लुटिया

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (UP Congress) की नैया कोई और नहीं प्रदेश कांग्रेस का नया नेतृत्व ही डुबो रहा है।

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (UP Congress) की नैया कोई और नहीं प्रदेश कांग्रेस का नया नेतृत्व ही डुबो रहा है। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन निकाय और पंचायत चुनाव के परिणाम इसकी पुष्टि करते नजर आ रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा ही लगभग साफ हो गया। प्रदेश नेतृत्व के चयनित कई प्रत्याशी तो अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। शर्मनाक बात यह है कि पार्टी के प्रभारी ने जिसको टिकट नहीं दिया उसने दूसरे दल से टिकट लेकर जीत भी हासिल कर ली। नगर निकाय और पंचायत चुनाव के परिणामों ने कांग्रेस के नए नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रदेश में हाशिये पर चल रही कांग्रेस को मुख्यधारा में लाने के लिए कांग्रेस आला कमान ने एक प्रदेश अध्यक्ष समेत छह प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त किए।
राजनीतिक और जातीय समीकरण को देखकर सभी प्रांतीय अध्यक्षों को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई। कुछ समय पहले ही बसपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए एक नेता को अवध क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई। अवध क्षेत्र के समस्त जनपदों में पार्षद और महापौर प्रत्याशियों का चयन कर टिकट वितरण किया। टिकट वितरण में मनमाना रवैया अपनाने और चहेतों को टिकट देने की वजह से पार्टी की हालत बद से बदतर हो गई।

अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए कांग्रेसी प्रत्याशी

राजधानी लखनऊ में पूर्व में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी (UP Congress) के टिकट पर आठ प्रत्याशियों से जीत हासिल की थी। इस बार यह संख्या घटकर चार ही रह गई। इसके साथ ही प्रभारी का चयनित महापौर प्रत्याशी तो अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो दूसरे दलों से आकर पार्टी की कमान संभालने वाले कई नेता अपनी राजनीति को चमकाने के लिए विपक्षी दलों के सम्पर्क में हैं।

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर जश्न मनाते हुए दूसरे दल से आए एक प्रभारी नेता की फोटो भी वायरल हुई। इसको लेकर कांग्रेस नेताओं में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल से टिकट की लालसा में यह नेता उनके सम्पर्क में है। जानकारों का कहना है कि टिकट वितरण में जमकर धांधलेबाजी की गई।

लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा खामियाजा

आरोप तो यह भी हैं कि टिकट बिकने की वजह से कई जिताऊ प्रत्याशियों को टिकट से वंचित तक रहना पड़ा। अब अंदरखाने यह चर्चा गरम है कि कांग्रेस के नए नेतृत्व का यही हाल रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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