लोकसभा चुनाव 2024: पप्पू और टीपू की राह पर बसपा नेता आकाश आनंद !

Sandesh Wahak Digital Desk/Anupam Singh: देश के राजीनितक चेहरों में तथाकथित पप्पू और टीपू कौन है? यह हमें तो नहीं पता। मगर यह दोनों चेहरे राजनीति में जरा भी रूचि रखने वालों के मध्य चर्चा में जरूर रहते हैं।

मायावती और आकाश आनंद

इसकी वजह भी जगजाहिर है, क्योंकि यह कहते कुछ हैं करते कुछ हैं और जो नहीं कहते वह भी करते हैं। पैराशूटेड हाईप्रोफाइल इन दोनों तथाकथित पप्पू और टीपू राजनीतिक चेहरों की तरह सत्ता पाने की रेस में एक और चेहरा चुनावी मैदान में पार्टी के लिये संघर्ष कर रहा हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद की।

लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है। जनता को अपने पाले में करने की राजनैतिक पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा सभी ने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। इन राजनैतिक पार्टियों के स्टार प्रचारकों में लंदन से पढ़ाई कर राजनीति में कूदने वाले बसपा के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद की रैलियां इन दिनों चर्चा में हैं।

चंद्रशेखर आजाद (रावण) और आकाश आनंद

चंद्रशेखर आजाद पर आकाश आनंद ने साधा निशाना

लोकसभा चुनाव 2024 के लिये बसपा ने आकाश आनंद की पहली रैली अपने गढ़ नगीना में आयोजित की और इसके लिये कार्यकर्ताओं व पार्टी प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह मैनवाल को जी-तोड़ मेहनत करने का पार्टी हाईकमान की ओर से फरमान सुनाया गया। जहां पर रैली में आकाश आनंद दलितों की पार्टी वाली छवि से बसपा को ऊबारने की कोशिश करते हुए नजर आये और कहा, बसपा जात-पात की राजनीति नहीं करती है। मगर अगले ही पल वह इस छवि से न खुद ऊबर  पाये और न ही पार्टी को उबारने में सफल होते दिखे। पानी पी-पी कर नाम लिये बगैर आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद पर बरस पड़े और कोसते हुए नजर आये।

युवाओं को गुमराह करने और दलितों को सड़कों पर उतार कर मुकदमा लदवाने वाला नेता बता दिया। इसकी वजह भी साफ है। यह भी पप्पू और टीपू की तरह पैराशूट वाले है। बसपा के फायर ब्रांड नेता की छवि बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। मगर यह भी कंफ्यूज रहते हैं। ईद के मौके पर बसपा पार्टी हाईकमान की ओर से मथुरा में रैली का आयोजन किया गया।

जात-पात की तरह यहां भी आकाश आनंद ने धर्म से दूरी बनाते हुए धर्म की राजनीति की दलदल में उतर गये। पहले तो कहा, हमे धर्म से कोई मतलब नहीं है। जब हमारा पेट खाली रहेगा तो हमे काम की जरूरत है और अगले ही पल कहा, बीजेपी ने राम मंदिर बनाया तो अच्छी बात है। मगर जब बाबरी मस्जिद बनेगी तब बसपा मुसलमानों के साथ खड़ी नजर आयेगी।

आकाश आनंद के बोल

  • पहले  – हम धर्म की राजनीत पर विश्वास नहीं करते
  • बाद में – जब बाबरी मस्जिद बनेगी बसपा मुसलमानों के साथ खड़ी होगी
  • पहले  – बसपा जात-पात पर विश्वास नहीं करती
  • बाद में  – नगीना में युवा नेता दलितों को गुमराह कर रहा है

राजनीति का ककहरा सीख पायेंगे आकाश

लंदन से पढ़ाई करने, कंपनियों के साथ बिजनेस करने का अनुभव लेने के बाद वर्ष 2016 से आकाश आनंद राजनीत में सक्रिय हैं। यूपी विधानसभा का चुनाव 2017 में हारने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती आकाश को जनता के सामने लाईं और पार्टी का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बना दिया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से वह बसपा स्टार प्रचारकों की सूची में दूसरे पायदान पर हैं।

सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले आकाश के एक्स पर 184 लाख और फेसबुक पर 53 हजार फालोअर्स हैं। अब देखना यह है, क्या इतने मतदाता भी हैं। राजनीतिक खिलाड़ियों पर अगर यकीन करें तो उनके मुताबिक राजनीति का ककहरा सीखने के लिये जनता के बीच तपना पड़ता है।

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