Lucknow: आरटीओ के भ्रष्टाचार की खुलेगी पोल, बेनकाब होंगे घूसखोर

लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के दबे मामले खुलेंगे, क्योंकि सरकार कभी भी इसकी जांच एसआईटी के हवाले कर सकती है।

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ (Lucknow) के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के दबे मामले खुलेंगे, क्योंकि सरकार कभी भी इसकी जांच एसआईटी के हवाले कर सकती है। इसको लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह काफी गंभीर हैं। जल्द ही इस पर फैसला ले सकते हैं।

आरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार और वसूली के अलावा परमिट घोटाले की गुम हुई फाइलों का मामला भी है। साथ ही वर्तमान में फिटनेस सेंटर में वसूली तक के आरोप शामिल हैं। ऐसे सारे मामले की जांच एसआईटी के हवाले की जाएगी। एसआईटी इनकी गहराई से जांच कर अपनी रिपोर्ट परिवहन मंत्री को सौंपेगी।

सूत्रों का कहना है कि विभाग ने एसआईटी के लिए कुछ अधिकारियों का चयन भी कर लिया है। इसके गठन होने के बाद जल्द जांच शुरू हो जाएगी।

भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है Lucknow आरटीओ

लखनऊ का आरटीओ कार्यालय (RTO office of Lucknow) भ्रष्टाचार और वसूली का गढ़ बनता जा रहा है। यह जगजाहिर है कि वहां पर फिटनेस के बदले वाहन स्वामियों से मोटी रकम वसूली जाती है, जिसे लेकर पिछले दिनों कहासुनी और मारपीट तक हो गई। परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कई मामलों का संज्ञान लिया है।

उन्होंने आरटीओ दफ्तर से जुड़े तमाम घोटालों, भ्रष्टाचारों और आवेदकों को होने वाली दिक्कतों के साथ ही दलालों पर नकेल कसने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से जांच कराने की बात कही है।

एसआईटी खोलेगी भ्रष्टाचार की परतें

एसआईटी कई पुरानी फाइलों की जांच करेगी और भ्रष्टाचार की परतें खोलेगी। छह अफसरों की टीम को दी जा सकती है जिम्मेदारी एसआईटी की इस टीम में पांच से छह सदस्य होंगे, जो मामलों की जांच कर परिवहन मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे। इन अफसरों का चयन परिवहन मंत्री की निगरानी में होगा। ऐसे अफसरों को चुना जाएगा जो ईमानदार होने के साथ आरटीओ कार्यालय की कारस्तानियों से वाकिफ हों।

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