Lucknow : कैसरबाग डिपो में हुआ आठ हजार लीटर डीजल का घोटाला

करीब सवा सात लाख रुपए की यूपी रोडवेज को लगी चपत, संविदा कर्मचारी हुआ बर्खास्त

Sandesh Wahak Digital/Ajay Srivastava: यूपी रोडवेज की बसों का डीजल घोटाला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने कई बार सख्त कार्रवाई की है।

ताजा मामला कैसरबाग डिपो का है। जहां हाल ही में 8 हजार लीटर डीजल का घपला कर करीब 7.18 लाख रुपए का घोटाले का मामला प्रकाश में आया है। यह घोटाला अनुबंधित बसों से संबंधित है। हालांकि स्टेशन अधीक्षक जमीला खातून की इस घोटाले में संलिप्तता उजागर हुई है, लेकिन उन्हें केवल नोटिस देकर उन्हें बचाने का प्रयास किया गया है। पिछले एक वर्ष में करीब आधा दर्जन से अधिक मामले डीजल चोरी के सामने आ चुके हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) की बसों से डीजल चोरी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। खास बात ये है कि डीजल चोरी के मामले उजागर होने पर सख्त कार्रवाई भी होती है। अधिकारियों को जेल तक भेजा जा चुका है। कइयों को सस्पेंड भी किया गया है। साथ ही कई संविदा कंडक्टर और ड्राइवर सहित कई संविदा कर्मचारी नौकरी से ही हाथ धो बैठे हैं।

दर्जनों कर्मचारियों पर हो चुकी कार्रवाई

इसके बावजूद कर्मियों बेखौफ इसमें लिप्त हैं।  केवल लखनऊ में ही दर्जनों कर्मचारियों पर डीजल चोरी के मामलों में कार्रवाई हो चुकी है। प्रदेश में यह संख्या सैकड़ों में है। कई अधिकारी भी निलंबन के दायरे में आ चुके हैं, लेकिन अब भी अधिकारी और कर्मचारी सबक नहीं ले रहे हैं और डीजल घोटाले थमने का नाम नहीं ले रहे है।

लखनऊ के कैसरबाग डिपो में सामने आये डीजल चोरी के मामले में अनुबंधित बसों के डीजल में लगभग 8000 लीटर की चोरी हुई है। जैसे ही उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी हुई कि 8000 लीटर डीजल का घपला हुआ है। अधिकारी मामले को दबाने में लग गए।

कैसरबाग डिपो में हजारों लीटर डीजल चोरी का मामला संज्ञान में आने के बाद लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार ने केवल डॉयट संस्था से रखे गए कर्मचारी सुनील कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। वहीं स्टेशन अधीक्षक जमीला खातून की इस घोटाले में संलिप्तता उजागर होने के बावजूद उन्हें केवल नोटिस थमाया है।

स्टेशन अधीक्षक जमीला खातून ने इसके पहले भी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के होने के बावजूद पटल परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय खुद पिछली तारीख में कर लिए थे। उस समय भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके पहले भी कैसरबाग डिपो मे इंजन ऑयल घपले का प्रकरण हुआ था जिसका खुलासा ही नहीं हो पाया था। परिवहन निगम के जानकारों के मुताबिक जमीला को यहां से हटाकर उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए थी।

एक वर्ष की प्रमुख घटनाएं

  • गोरखपुर में ढाबे पर पकड़ी गई थी डीजल चोरी
  • बनारस में टूल्लू पंप लगाकर डीजल निकलते हुए ड्राइवर पकड़ा गया था
  • हाथरस की आगरा कार्यशाला में पकड़ी गई थी डीजल चोरी
  • बरेली डिपो में ट्रैकर से पाइप लगाकर दूसरे टै्रकर में भरा जा रहा था डीजल
  • खुर्जा डीजल चोरी का वीडियो वायरल हुआ था, ड्राइवर-कंडक्टर की संविदा समाप्त हुई थी

अनुबंधित बसों को डीजल देने के बाद उनसे पैसा लिया जाता है। यहां पर डीजल देने का डॉटा सही से उपलब्ध नहीं कराया गया। मामला संज्ञान में आने के बाद डॉटा रखने वाले कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है। स्टेशन अधीक्षक को नोटिस देने के बाद मुख्यालय को प्रकरण से अवगत कराया गया है। जैसा मुख्यालय आदेश देगा। उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।

-मनोज कुमार पुंडीर, क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ क्षेत्र।

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