Lucknow: शव से नहीं थाने से तय होती है अंतिम संस्कार की कीमत

Sandesh Wahak Digital Desk/Ganesh ji Verma: पुलिस विभाग में हर मामलों के अलग-अलग पैमाने है। यदि मामला बड़े लोगों का हैं तो पुलिस उसके इशारे पर रहेगी लेकिन छोटे लोगों के मामले में उसके ऊपर कहर बरसाना शुरू कर देगी। वहीं देखा जाए तो लावारिश शवों के अंतिम संस्कार के लिए पुलिस विभाग जो रुपये जारी करता है वह भी थानेवार होता है। यदि सवाल यह उठता है कि जब लाश एक है तो उसकी कीमत थानावार कैसे और किस नियम के तहत तय की जा सकती है। सबको बराबर रुपये मिलना चाहिए।

बता दें कि लावारिश शवों का दाह संस्कार के लिए 2700 दिया जाता है। लेकिन ये रुपया सभी थानों और कोतवालियों को नहीं दिया जाता है। यदि लखनऊ की बात करें तो 2700 रुपये कैसरबाग, अमीनाबाद, नाका, चौक, वजीरगंज, ठाकुरगंज, तालकटोरा, सआदतगंज, चिनहट, गोमतीनगर थानों को मिलता है।

इन थानों को दिए जाते हैं 1500 रुपये

आरटीआई के जवाब पर जाए तो लखनऊ के पीजीआई, कैंट, आशियाना, तालकटोरा, बीकेटी को 1500 रुपये दिया जाता है।

मलिहाबाद को दी जाती है सबसे ज्यादा धनराशि

लखनऊ में स्थित मलिहाबाद कोतवाली को सबसे ज्यादा रुपये 2750 मिलता है। यह भी अपने आप में यह सवाल है कि आखिर इसे 2700 से ज्यादा क्यों मिलता है।

विभूतिखंड थाने को नहीं मिलता है एक भी रुपया

पूर्व डीजीपी ओपी सिंह के हाथों द्वारा उद्घाटन हुआ प्रदेश का पहला हाईटेक थाना विभूतिखंड पुलिस को एक भी रुपये नहीं मिलता है। ऐसे में सोचनीय है कि यहां की पुलिस शवों का दाह संस्कार कैसे करती होगी। जबकि प्रदेश का यह पहला ऐसा थाना है जो सभी व्यवस्थाओं से परिपूर्ण है। पुलिसकर्मियों के आराम से लेकर खेलने तक की व्यवस्था इस थाने में है।

ऐसा नहीं हैं। पुलिसकर्मी ही फार्म भरकर भेजते है। जिसके आधार पर रुपये दिया जाता है। किसी को कम या ज्यादा नहीं दिया जाता है। शवों के हिसाब से ही पैसा दिया जाता है।

शिवाजी, पुलिस उपायुक्त मुख्यालय

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