महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को किया गया नजरबंद, पीडीपी का कार्यालय भी सील

Sandesh Wahak Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने की शनिवार (5 अगस्त) को चौथी वर्षगांठ मनाई जा रही है. इसको लेकर राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त की गई है. इसके अलावा, प्रशासन ने श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का मुख्यालय सील कर दिया है, यहां तक कि किसी भी कर्मचारी को भी कार्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है. इसी बीच पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि उनको और उनके कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. महबूबा ने अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ फोटोज भी शेयर की हैं.

महबूबा का ट्वीट

महबूबा मुफ्ती ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दो फोटोज शेयर की हैं, जिसमें गेट पर ताला लगा हुआ है. उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा ‘मुझे आज अन्य वरिष्ठ पीडीपी नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है. यह आधी रात की कार्रवाई के बाद हुआ है, जहां मेरी पार्टी के कई लोगों को पुलिस स्टेशनों में अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट में सामान्य स्थिति के बारे में भारत सरकार के झूठे दावे उनके व्यामोह से प्रेरित कार्यों से उजागर हो गए हैं.’

उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा कि ‘एक ओर, पूरे श्रीनगर में धारा 370 के अवैध निरस्तीकरण पर कश्मीरियों को ‘जश्न मनाने’ का आह्वान करने वाले विशाल होर्डिंग्स लगाए गए हैं. जबकि लोगों की वास्तविक भावना का गला घोंटने के लिए क्रूर बल का प्रयोग किया जा रहा है. आशा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ऐसे समय में इन घटनाक्रमों का संज्ञान लेगा जब अनुच्छेद 370 पर सुनवाई हो रही है.’

इससे पहले ट्वीट में एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें पुलिसकर्मी पीडीपी नेताओं को हिरासत में लेती हुई नजर आ रही है. वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा कि ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस 5 अगस्त की पूर्व संध्या पर पीडीपी नेताओं को क्यों हिरासत में ले रही है? इस वीडियो में आरिफ लैगरू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. भाजपा को श्रीनगर में अनुच्छेद 370 को अवैध रूप से निरस्त करने का जश्न मनाने का तमाशा करने की खुली छूट दी गई है. यह सब देश में जनमत को धोखा देने के लिए किया जा रहा है. बस सामान्य स्थिति के मुखौटे को उजागर करने के लिए आगे बढ़ता है- अपने अवैध कार्यों को उचित ठहराने के लिए एक नकली कथा.’

बता दें कि आर्टिकल 370 की चौथी वर्षगांठ मौके पर पीडीपी ने सेमिनार का आयोजन करने की इजाजत मांगी थी. लेकिन, प्रशासन ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया था. 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था. इसके बाद सरकार का दावा है कि राज्य में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है और हालात सामान्य हैं. इस समय सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 हटने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई भी चल रही है.

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