Mukhtar Ansari: बेटे उमर और भाई अफजाल अंसारी को कभी भी बुला सकती है जांच टीम, आखिर क्यों?

Mukhtar Ansari: बीते दिन मुख़्तार अंसारी की हार्ट अटैक से हुई मौत के बाद से सियासी गलियारों कई तरीके के सवाल उठ रहे हैं। ख़बरें हैं कि मुख्तार की मौत मामले में नया मोड़ कभी भी आ सकता है। चर्चा है कि मुख्तार की मौत से जुड़ी न्यायिक जांच कमेटी बयान दर्ज कराने के लिए मुख्तार बेटे उमर अंसारी और भाई अफजाल अंसारी को बुला सकती है। बता दें कि अब तक जेल की बैरक, खान-पान का सामान, मुख्तार को दी जाने वाली दवाइयों की जांच हो चुकी है।

जानकारी के मुताबिक, जेलर-डिप्टी जेलरों सहित 12 से ज्यादा जेलकर्मियों और जिला अस्पताल के डॉक्टरों के बयान दर्ज हो चुके हैं। अब मेडिकल कॉलेज में इलाज की फाइलों की जांच होगी और डॉक्टरों के बयान दर्ज होंगे। साथ ही मुख्तार अंसारी के परिजनों को भी बयान देने को बुलाया जा सकता है। जांच अधिकारी अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर 20 अप्रैल तक लोगों से बयान दर्ज कराने का अनुरोध भी किया है।

मुख्तार को जहर देने का आरोप

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास के आदेश पर माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की सच्चाई जानने के लिए गठित की गई न्यायिक जांच कमेटी, जेल में जांच करने के बाद जेल कर्मियों के बयान दर्ज कर चुकी है। अब बयान दर्ज करने के लिए मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी और भाई अफजाल अंसारी को बुलाया जा सकता है। मुख्तार अंसारी के बाद बेटे और भाई ने ही मुख्तार अंसारी के खाने में जहर दिए जाने का आरोप लगाया था।

खाने में दिया गया जहर?

रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में 28 मार्च की रात मुख्तार अंसारी की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने मुख्तार अंसारी के खाने में जहर देने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच मौत के अगले ही दिन शुरू हो गई थी। अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह इस मामले की जांच कर रही हैं। अब तक उन्होंने जेल की बैरक खाने-पीने के समान, मुख्तार को दी जाने वाली दवाइयां की जांच के साथ ही, जेल के बैरक से खाने के बर्तनों में मिले खिचड़ी के अवशेष के नमूने लिए और एक दर्जन से ज्यादा जेलर डिप्टी जेलरो और जेल कर्मियों के बयान दर्ज किया।

इसके अलावा उनका इलाज करने वाले जिला अस्पताल के डॉक्टरों के भी बयान दर्ज हो चुके हैं। शनिवार को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की भी बयान दर्ज होने की संभावना थी, लेकिन जांच टीम अभी तक वहां नहीं पहुंची है।

कौन सी दवा खा रहा था मुख्तार

जांच टीम मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के बयान दर्ज करने के अलावा 26 और 28 मार्च को मुख्तार के किए गए इलाज के बारे में जानकारी हासिल करने वाली है। साथ ही 28 मार्च की रात मुख्तार अंसारी को कौन-कौन सी दवा दी गई. और कौन से इंजेक्शन लिए दिए गए, इस बारे में भी जानकारी हासिल करेगी। यह जांच एक दो दिन के अंदर पूरी होने की संभावना है।

कौन-कौन दर्ज करा सकता है बयान

इस मामले में मुख्तार अंसारी के परिजनों को भी बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जा सकता है। इस सिलसिले में अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अगर मुख्तार अंसारी की मौत के संबंध में अपना बयान दर्ज कराना हो, तो वह 20 अप्रैल तक उनके समक्ष उपस्थित होकर दर्ज करा सकता है।

इस सार्वजनिक नोटिस से कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अंसारी के परिजन यानी बेटा उमर अंसारी और भाई अफजाल अंसारी को बयान दर्ज करने के लिए न्यायिक जांच कमेटी उन्हें बुला सकती है।

न्यायिक जांच कमेटी के साथ ही मजिस्ट्रियल जांच भी चल रही है। यह जांच अपर जिला अधिकारी वित्त और राजस्व राजेश कुमार कर रहे हैं। सभी के बयान दर्ज होने के बाद जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट सीजेएम और जिला मजिस्ट्रेट को सौंप देगी। इस रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कि मुख्तार की मौत जहर देने से हुई है या फिर स्वाभाविक मौत थी।

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