बेशक Corona घातक है लेकिन इन घरेलू नुस्खों से झट से हो सकते हैं स्वस्थ

कोरोना (Corona) से आज समूचा देश जूझ रहा है। इसके पीड़ितों में ऐसा देखा जा रहा है कि अधिकांश की जान सांस में तकलीफ और समय पर आक्सीजन न मिल पाने की वजह से हो रही है।

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। कोरोना (Corona) से आज समूचा देश जूझ रहा है। इसके पीड़ितों में ऐसा देखा जा रहा है कि अधिकांश की जान सांस में तकलीफ और समय पर आक्सीजन न मिल पाने की वजह से हो रही है। ऐसे में आयुर्वेद का सहजन की पत्ती के पानी से भाप लेने का नुस्खा खासा कारगर साबित हो रहा है। जाने माने एक वैद्य के मुताबिक अधिकांश मरीजों मे बीमारी के प्रति घबराहट का अधिक होना दिख रहा है। जिन मरीजों में आक्सीजन की कमी वाकई में है उन्हे भाप लेने से फायदा मिल रहा है।

यूं तो भाप लेने के लिए पानी में नमक, अदरख, नीम की पत्ती या हल्दी डालकर लिया जा सकता है लेकिन व्यवहार में ऐसा मिल रहा है कि पानी में सहजन की पत्ती को उबालकर उसके पानी से भाप लेने पर इन सबसे अलग आक्सीजन लेवल मे तत्काल परिवर्तन होते दिख रहा है। भाप के मामले में व्यवहारतन यह भी परिणाम मिल रहा है कि यदि दिन मे बदल-बदल कर मतलब कभी नमक, कभी हल्दी कभी अदरख तो कभी सहजन की पत्ती पानी में डालकर उसका भाप लें तो अधिक फायदा हो रहा है।

Corona से संबन्धित प्रोटोकाल को गंभीरता से लें

बेशक कोरोना एक जानलेवा घातक बीमारी की तरह अपना दायरा बढ़ा रहा है लेकिन यदि सरकार द्वारा निर्धारित इस बीमारी से संबन्धित प्रोटोकाल को गंभीरता से घर पर ही रहते हुए अनुपालन कराया जाए तो काफी हद तक न केवल व्यवस्था सुचारु हो सकेगी बल्कि बीमारी की मृत्युदर पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। मरीज को अछूत न मानते हुए उसे विश्वास मे लेकर धैर्य के साथ बिना किसी घबराहट के इलाज देने मे घरवालों को सहयोग करना चाहिए।

घर पर रह कर ही हो सकता है बेहतर इलाज

व्यवहारतन ऐसा देखा जा रहा है कि मरीज कि रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही तीमारदार उसे अस्पताल में दाखिल कराने की जुगत में लग जा रहे है, जबकि अस्सी फीसद मामलों मे यह दिख रहा है कि ऐसे मरीजों को भर्ती की आवश्यकता ही नहीं है उनका आक्सीजन लेवल ऐसा नहीं है कि उन्हें कहीं ले जाया जाये। उनका बेहतर इलाज घर पर रह कर ही हो सकता है, लेकिन घबराहट में लोग ऐसा नहीं कर रहे है, जो गलत है। इससे न केवल अस्पताल मे गंभीर रोगियों कि चिकित्सा प्रभावित हो रही है बल्कि व्यवस्था में भी व्यवधान आ रहा है। संसाधनो कि भी कमी होंने लग रही है।

रिपोर्ट पाजिटिव होने पर घबराने की बजाय समुचित इलाज शुरू करें

कोरोना (Corona) के लक्षण आते ही जांच करा लेनी चाहिए। रिपोर्ट पाजिटिव होने पर घबराने की बजाय घर पर अन्य से अलग साफ सुथरा जगह पर मरीज को रखते हुए सादा सुपाच्च्य भोजन देते हुए किसी विशेषज्ञ की देखरेख मे समुचित इलाज शुरू करे। इलाज मे निर्धारित दवाइयों के अलावा सुबह गरम पानी (सिप कर के पीना), दिन भर गुनगुना पानी, सुबह-शाम तुलसी, अदरख, काली मिर्च, अजवाइन, दालचीनी आदि का काढ़ा, दिन में कम से कम चार बार बदल कर नमक/हल्दी/अदरख/सहजन आदि के पानी से भाप और नमक डालकर गरम पानी से सुबह और रात मे गरारा करें। दिन में एक चम्मच हल्दी मिलाकर दूध के साथ एक या दो बार अवश्य लें। इतना करने से अधिकांश मरीजों में एक से डेढ़ हफ्ते मे सुधार होने लग रहा है।

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