PM मोदी ने ड्रोन उड़ाकर किया ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन, स्मारक टिकट और सिक्के भी किए जारी

Sandesh Wahak Digital Desk: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को नई दिल्ली में नवनिर्मित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-कन्वेंशन सेंटर (IECC) परिसर का ड्रोन उड़ाकर उद्घाटन किया। इसका नाम ‘भारत मंडपम’ (Bharat Mandapam) रखा गया है। साथ ही, उन्होंने स्मारक टिकट और सिक्के भी जारी किए। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने ऐलान किया दिल्ली में दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम बनाया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, डॉ. जितेंद्र सिंह, बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

इससे पहले सुबह पीएम मोदी ने हवन-पूजन किया था। कन्वेंशन सेंटर का पुर्ननिर्माण 2700 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। कन्वेंशन सेंटर में 9-10 सितंबर को होने वाली 18वीं G-20 बैठक होगी। यह सिडनी के ओपेरा हाउस से बड़ा सेंटर है। ओपेरा हाउस में जहां एक साथ 5500 लोग बैठ सकते हैं, जबकि भारत मंडपम में 7000 लोगों के बैठने की क्षमता है।

कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत मंडपम को देखकर हर भारतीय आनंदित है और गर्व महसूस कर रहा है। भारत मंडपम भारत के सामर्थ्य का, भारत की नई उर्जा का आह्वान है। भारत मंडपम भारत की भव्यता और इच्छाशक्ति का दर्शन है। उन्होंने कहा कि आज कारगिल विजय दिवस है। देश के दुश्मनों ने जो दुस्साहस दिखाया था, उसे मां भारती के बेटे-बेटियों ने अपने पराक्रम से परास्त कर दिया था। कारगिल युद्ध में अपना बलिदान देने वाले प्रत्येक वीर को मैं पूरे राष्ट्र की तरफ से श्रद्धांजलि देता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया यह स्वीकार कर रही है कि भारत ‘लोकतंत्र की जननी’ है। आज जब हम आजादी के 75 वर्ष होने पर ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं, यह ‘भारत मंडपम’ हम भारतीयों द्वारा अपने लोकतंत्र को दिया एक खूबसूरत उपहार है। कुछ हफ्तों बाद यहां G20 से जुड़े आयोजन होंगे। दुनिया के बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां उपस्थित होंगे। भारत के बढ़ते कदम और भारत का बढ़ता कद इस ‘भारत मंडपम’ से पूरी दुनिया देखेगी।

इस निर्माण को रोकने के लिए नकारात्मक सोच वालों ने क्या-क्या कोशिशें नहीं की, अदालतों के चक्कर काटे थे। कुछ लोगों की फितरत होती है हर अच्छे काम को रोकने, टोकने की। जब कर्तव्य पथ पर बन रहा था तो न जाने क्या क्या कथाएं चल रही थीं। अखबार, ब्रेकिंग न्यूज में न जाने क्या-क्या चल रहा था। कर्तव्य पथ बनने के बाद वे लोग भी दबी ज़ुबान में कहने लगे कि अच्छा हुआ है।

आईटीपीओ परिसर लगभग 123 एकड़ में फैला है। इसे प्रगति मैदान परिसर के रूप में भी जाना जाता है। यहां बैठक, सम्मेलन, प्रदर्शनियां आयोजित की जा सकती हैं। यह कॉम्प्लेक्स जर्मनी के हनोवर और शंघाई कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। यहां 3000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक शानदार एम्फीथिएटर भी है। आईईसीसी के पास 5500 वाहनों की क्षमता वाला पार्किंग स्थल भी है।

 

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