Shine City Scam: राहत फाउंडेशन और भव्य ब्रॉडकॉस्टिंग के जरिए करोड़ों का खेल

जांच में लापरवाही पर एजेंसियों को फिर फटकार, हाईकोर्ट ने अब डायरेक्टर को किया तलब

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: शुक्रवार को शाइन सिटी घोटाले के मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जांच एजेंसियों को फिर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने नौ मई को ईडी व एसएफआईओ के डायरेक्टर को तलब किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ में शामिल न्यायाधीश सिद्धार्थ और न्यायाधीश प्रशांत कुमार के सामने ईओडब्ल्यू डीजी की जगह आईजी प्रशांत कुमार द्वितीय, गृह सचिव, ईडी और एसएफआईओ व सीबीआई के अफसरों ने जांच पर सफाई पेश की। एजेंसियों ने कहा कि 128 करोड़ की सम्पत्तियों को जब्त किया गया है।

आसिफ नसीम और राशिद नसीम (फाइल फोटो)

राशिद और आसिफ की पत्नियों का जांच नहीं की गई

हाईकोर्ट ने जब प्रत्यर्पण और लुकआउट की जानकारी मांगी तो एजेंसियों ने कहा कि इससे संबंधित पत्र 2022 में जारी किये गए थे। निवेशकों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने कोर्ट के सामने जुलाई 2020 में जारी पत्रों की प्रतियां रखी। कोर्ट ने एजेंसियों से मामले में श्रीवास्तव से सहयोग लेकर सही दिशा में जांच करने को लेकर ताकीद किया। ईओडब्ल्यू ने राशिद और आसिफ की पत्नियां सलमा परवीन और जीनत फातिमा की जांच नहीं की है।

दोनों राहत फाउंडेशन और भव्य ब्रॉडकॉस्टिंग में ट्रस्टीज थीं। शेयर होल्डिंग भी शाइन सिटी के कालेधन से हासिल की। कानपुर में पोल स्टार प्रोजेक्ट में हुई रजिस्ट्रियों का करोड़ों रुपया शाइन सिटी प्रॉपर्टीज के खाते में पहले लिया। इसके बाद फैज अहमद के जरिये पैसा भव्य ब्रॉडकॉस्टिंग में भेज दिया गया। राहत फाउंडेशन में तीन करोड़ जाने की बात ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में स्वीकार की। अफसरों के मुताबिक फाउंडेशन को रायबरेली रोड स्थित 105 एल्डिको के पते पर रजिस्टर्ड कराया गया है। जो शाइन सिटी कम्पनी का दफ्तर है।

अतीक

कहां तक पहुंची शाइन सिटी और अतीक की जांच?

अतीक अहमद और शाइन सिटी घोटाले (Shine City Scam) के मास्टरमाइंड राशिद नसीम के बीच सैकड़ों करोड़ का कनेक्शन है। जांच में हीलाहवाली पर हाईकोर्ट सख्त है। हाईकोर्ट ने एजेंसियों से साफतौर पर पूछा कि अतीक और शाइन सिटी के कनेक्शन की जांच आखिर कहां तक पहुंची।

रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा : ‘संदेश वाहक’ के खुलासे पर जांच कमेटी गठित

संदेश वाहक’ ने 15 अप्रैल के संस्करण में ‘वाराणसी जेल में बंद शाइन सिटी के डायरेक्टर ने लखनऊ में कर डाली रजिस्ट्री’ शीर्षक से खबर प्रकाशित करके अमिताभ श्रीवास्तव और अफसरों की साठगांठ का खुलासा किया था। करोड़ों की जमीन की रजिस्ट्री मोहनलालगंज के डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय में हुई थी।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी (फाइल फोटो)

जमीन को छह दिनों बाद पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे को बेच करके पुन: रजिस्ट्री कराई गयी। मनी लांड्रिंग के खेल पर वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने इस प्रकरण को हाईकोर्ट में रखा। हाईकोर्ट के पूछने पर ईओडब्ल्यू के आईजी ने बताया कि हाई लेवल जांच गठित की गयी है। हाईकोर्ट ने नसीमुद्दीन के बेटे के पास गयी जमीन वापस लेने को कहा।

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