Shine City Scam: वाराणसी जेल में बंद डायरेक्टर अमिताभ श्रीवास्तव ने लखनऊ में कर डाली रजिस्ट्री

मनी लॉन्ड्रिंग का खेल : मोहनलालगंज की जमीन दो बार कौड़ियों के भाव बिकी, छह दिन में दूसरी रजिस्ट्री नसीमुद्दीन के बेटे के नाम हुई

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: तीनो एजेंसियां कानून तोडऩे वालों का साथ दे रही, जांच एफआईआर की संख्या गिनने तक सीमित, ऐसा न करें कि एजेंसियों से भरोसा खत्म हो जाए…शाइन सिटी घोटाले की जांच का जिम्मा संभाले सीबीआई, ईओडब्ल्यू, ईडी और एसएफआईओ जैसी एजेंसियों के ऊपर ऐसी तल्ख टिप्पणियां हाईकोर्ट ने पूर्व में की हैं।

फिर भी हजारों करोड़ के घोटाले की जांच में कोई सुधार नहीं आया। शाइन सिटी घोटाले का मुखिया राशिद नसीम जहां विदेश में बैठकर फर्जीवाड़ों को अंजाम दे रहा है। वहीं उसके कारिंदे जेल में बंद होने के बावजूद करोड़ों की जमीनों की रजिस्ट्रियां करके मनी लांड्रिंग की कलंक कथा लिखने में जुटे हैं। जमीनों को षड्यंत्र के तहत कौड़ियों के भाव सफेदपोश नेताओं को बेचा जा रहा है।

कोर्ट से जमीनों की खरीद फरोख्त पर रोक के बावजूद रजिस्ट्रियां जारी

कोर्ट से जमीनों की खरीद फरोख्त पर पाबंदी के बावजूद रजिस्ट्रियां जारी हैं। पुलिस ने शाइन सिटी के डायरेक्टर व घोटाले के मास्टरमाइंड 56 मुकदमों के आरोपी अमिताभ श्रीवास्तव को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार करके वाराणसी जेल भेजा था। इसके बावजूद अमिताभ नाटकीय तरीके से लखनऊ आकर मोहनलालगंज तहसील स्थित उप निबंधक कार्यालय में 24 अगस्त 2022 को ग्राम अमेठी स्थित खसरा संख्या 1020(रकबा 0.285 हेक्टेयर) की 30 हजार 600 वर्ग फिट बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री स्वयं कर डालता है।

माना जा रहा है कि फर्जीवाड़े से जुड़े किसी मुक़दमे में बी वारंट पर इस दिन लखनऊ आये अमिताभ ने जेलकर्मियों की साठगांठ से चुपचाप मोहनलालगंज तहसील में आकर इस कारनामें को अंजाम दिया है। रजिस्ट्री पर बाकायदा कैमरे के सामने खींची गयी उसकी तस्वीर पुष्टि करने के लिए काफी है।

फर्जीवाड़े की शिकायत होने के बाद एजेंसियों में हडक़ंप मच गया है। आनन फानन में अभियुक्त अमिताभ श्रीवास्तव, पत्नी मीरा श्रीवास्तव और आसिफ नसीम को ईडी ने कस्टडी रिमांड पर लिया है। रजिस्ट्री में अमिताभ ने चिनहट के पंकज मिश्रा को जमीन सिर्फ दस लाख रूपए में बेचना दिखाया है। रायबरेली रोड से सिर्फ दस किमी दूर इस बेशकीमती जमीन की असल मालियत करोड़ों में बताई जा रही है। रजिस्ट्री कराने के पीछे संगठित सिंडिकेट शामिल है। तभी रजिस्ट्री कराने के महज छह दिन के भीतर इस जमीन को मोहरे के रूप में खड़े पंकज मिश्रा ने बेच डाला।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी (फाइल फोटो)

नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे के नाम सिर्फ 6 दिनों में इसी जमीन की हुई दूसरी रजिस्ट्री

30 अगस्त को इसी जमीन की दूसरी रजिस्ट्री सिर्फ 11 लाख रुपयों में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पुत्र अजहर सिद्दीकी के नाम की गई। पूरा खेल मनी लांड्रिंग का है। नसीमुद्दीन और उनके बेटे से पूछताछ व रजिस्ट्री निरस्त कराने की पहल भी नहीं हुई। इस तरीके से शाइन सिटी की कई जमीनों की रजिस्ट्रियां होने का अंदेशा है।

राशिद नसीम और आसिफ नसीम (फाइल फोटो)

मोहनलालगंज के उप निबंधक व वाराणसी जेल के अधीक्षक ने झाड़ा पल्ला

मोहनलालगंज के उप निबंधक धर्मेंद्र तिवारी ने बताया, रजिस्ट्री को मैंने ही करवाया है। अमिताभ श्रीवास्तव रजिस्ट्री करने आया था। वो जेल में बंद था या नहीं, ये देखने की जिम्मेदारी मेरी नहीं है। वहीं वाराणसी जेल के अधीक्षक से सीयूजी नंबर 9454418276 पर बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है इससे पहले राशिद के भाई आसिफ नसीम ने लखनऊ जेल से पावर ऑफ़ अटॉर्नी करके सैकड़ों बैनामों का खेल कराया था।

शिकायतकर्ता अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव

चंदौली में राशिद नसीम करा रहा अपने नाम दर्ज जमीनों की रजिस्ट्रियां

शाइन सिटी फर्जीवाड़े के खिलाफ अदालती जंग लड़ रहे अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने डीजी ईओडब्ल्यू और ईडी से इस प्रकरण में शिकायत करके जांच की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि इसी तरह चंदौली में तहसील मुगलसराय में राशिद नसीम के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीनों की रजिस्ट्री हो रही है। इन प्रकरणों की उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

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