जातिवाद भाषण एवं अनर्गल मुद्दों की Politics करना सपा का स्वभाव: Mayawati

जातिवाद भाषण को लेकर आजकल समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या प्रदेश की राजनीति (Politics) में चर्चा के विषय बनें हुए हैं।

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क/रायबरेली। जातिवाद भाषण को लेकर आजकल समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या प्रदेश की राजनीति (Politics) में चर्चा के विषय बनें हुए हैं। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas Dispute) पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई। उन्होंने वाई या जेड श्रेणी की सुरक्षा की मांग की थी। उनके वकील ने कहा था कि एमएलसी होने की वजह से उन्हें सिर्फ दो गनर मिले हैं। उन्होंने उन पर खतरा बताया था और कहा था कि यह सुरक्षा पर्याप्त नहीं है।

वहीं, एक दिन पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य के विद्यालय में कांशीराम की मूर्ति का अनावरण करने पहुंचे थे। यहीं एक जनसभा का भी आयोजन किया गया था। इसी जनसभा के मंच से स्वामी प्रसाद मौर्य का नारा लगाते हुए एक वीडियो वायरल (Viral Video) हुआ है। वायरल वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्य (Viral Video of Swami Prasad Maurya) मंच से नारा लगाते हुए कहते हैं कि ‘मिले मुलायम-कांशीराम और भीड़ से उसके उत्तर में जवाब आता है हवा में उड़ गए जय श्रीराम’। वायरल वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्य बार-बार यह नारा लगाते हुए भीड़ को उत्तर देने के लिए उकसाते हैं।

हिन्दू युवा वाहिनी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ खोला मोर्चा

इसी वीडियो को आधार बनाकर हिन्दू युवा वाहिनी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। निकाय चुनाव से पहले सपा के राष्ट्रीय सचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रायबरेली में हिन्दू युवा वाहिनी के महामंत्री मारुत त्रिपाठी की तहरीर पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है।

बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर सपा पर बोला हमला

अब इस मामले बसपा प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं, मायावती ने समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद पर जमकर हमला बोला है। बसपा प्रमुख का कहना है कि यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति (Politics) करना सपा का स्वभाव रहा है। सपा की राजनीति (Politics) लोगों के सामने बराबर आती रही है।

मायावती ने लोगों को सपा से सावधान रहने को कहा

मायावती ने ट्वीट में लिखा है सन 1993 में मान्यवर कांशीराम ने सपा-बसपा गठबंधन मिशनरी भावना के तहत बनाई थी, किन्तु मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का सीएम बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की रही। इसी क्रम में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व अपरकास्ट समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था वे बीएसपी को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी। अतः सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत है।

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