आज हैं अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस, जाने किस देश ने सबसे पहले मनाया था यह दिवस
Labour Day 2023: हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है. मजदूरों के नाम समर्पित इस दिन को श्रमिकों को सम्मान दिया जाता है. इसक उद्देश्य मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के साथ उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाना भी है, ताकि समाज में मजदूरों की स्थिति मजबूत हो सके. मजदूर दिवस को कई और नाम से भी जाना जाता है, जैसे लेबर डे, मई डे या फिर श्रमिक दिवस. तो चलिए जानते हैं इस दिन के बारे में सबकुछ-
मजदूर दिवस (Labour Day) मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 1889 में हुई थी. अमेरिका के शिकागो में हजारों मजदूरों ने विरोध-प्रदर्शन किया था. इस दौरान कई मजदूरों की जान भी चले गई थी. दरअसल, मजदूर 15 घंटे तक काम करते थे, इसलिए उन्होंने मांग की थी की काम करने का समय 8 घंटे किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी भी दी जाए. इसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया और आखिरकार उन्हें सफलता मिली.
भारत में कैसे हुई शुरुआत?
दरअसल, साल 1923 में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने मद्रास जो अब चेन्नई के नाम से जाना जाता है, वहां मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत की थी. पार्टी के इस फैसले को कई संगठनों का समर्थन भी मिला था. इसके बाद से लाल रंग के झंडे को मजदूरों की एकजुटता के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा. इसके बाद से ही 1 मई को हर साल मजदूर दिवस (1st May Labour Day) मनाया जाता है.
बता दें कि हर साल मजदूर दिवस की एक थीम (Labour Day Theme) होती है. इसी को देखते हुए ये दिन मनाया जाता है. साल 2023 में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की थीम है ‘सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति के निर्माण के लिए मिलकर काम करना’ (Act together to build a positive safety and health culture).