‘मिडिल क्लास फॅमिली का Protein’ आज दुनियाभर में बना चुका है पहचान, जानें इसके फायदे

कभी 'मिडिल क्लास फॅमिली का प्रोटीन' (Protein of middle class family) कहा जाने वाला सत्तू अब देशभर ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है।

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। आज सतुवान पर्व है और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल जैसे राज्यों के लोगों के बीच सत्तू काफी प्रसिद्ध है। कभी ‘मिडिल क्लास फॅमिली का प्रोटीन’ (Protein of middle class family) कहा जाने वाला सत्तू अब देशभर ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है। अत्यधिक स्वादिष्ट और प्रसिद्ध लिट्टी-चोखे में लिट्टी के अंदर सत्तू ही भरा जाता है। लेकिन सत्तू की खासियत यहीं खत्म नहीं होती। इसे पानी में मिलाकर नमकीन या मीठा शरबत बनाया जा सकता है या फिर बाटी या परांठे के अंदर भरकर भी तैयार की जा सकती है जो खाने में स्वादिष्ट एवं स्वास्थ वर्धक होता है।

 

सत्तू में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसके अलावा सत्तू में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज, मैग्निशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की कोशिकाओं का पुनर्निर्माण करने का काम करते हैं। सत्तू में कार्बोहाइड्रेट भी होता है जो शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करता है। सत्तू का सेवन आमतौर पर गर्मी के दिनों में किया जाता है क्योंकि यह पेट को ठंडा रखने में मदद करता है।

सत्तू खाने के फायदे

  • डायबिटीज में फायदेमंद है सत्तू
  • वजन घटाने में मददगार है सत्तू
  • पाचन में मदद करता है सत्तू
  • कोलेस्ट्रॉल घटाने में मददगार
  • गर्मी में लू से बचाता है सत्तू
  • भूख बढ़ाने में मदद करता है सत्तू
  • यौन उत्तेजना में भी वृद्धि करता है
  • सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद

गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है सत्तू

सत्तू शरीर को पोषण देने का काम करता है और इसलिए यह बढ़ते बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए भी फायदेमंद है। सत्तू को बनाना, खाना और पचाना बेहद आसान होता है इसलिए इसे अपने भोजन में शामिल करने पर शरीर को पोषण की अच्छी मात्रा मिल जाती है।

सत्तू खाने के नुकसान

वैसे तो सत्तू का सेवन कई तरह से फायदेमंद है लेकिन कुछ लोगों को इसके सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकता है। कई बार बहुत ज्यादा मात्रा में सत्तू का सेवन करने पर भी शरीर पर इसके कुछ दुष्प्रभाव भी नजर आने लगते हैं। अगर बहुत ज्यादा मात्रा में सत्तू का सेवन कर लिया जाए तो पेट में गैस बनने लगती है। लिहाजा वैसे लोग जिन्हें पहले से ही पेट में गैस की समस्या रहती हो उन्हें बहुत कम ही मात्रा में और महीने में सिर्फ तीन चार बार ही सत्तू का सेवन करना चाहिए। बारिश के मौसम में सत्तू का सेवन कम ही करना चाहिए। जिन लोगों को पथरी की समस्या हो उन्हें भी चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को चने से एलर्जी हो या चना पचाना जिनके लिए मुश्किल हो उन्हें भी सत्तू नहीं खाना चाहिए।

कुल मिलाकर मित्रों सत्तू एक बहुत ही पौष्टिक भोज्य पदार्थ है जिसको यदि हम सीमित मात्रा में अपने भोजन में शामिल कर लें तो काफी बीमारियों से बचा जा सकता है।

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