UP Lok Sabha Election: चुनाव से पहले मायावती को लगा एक और झटका, RLD का बढ़ा कुनबा

UP Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है. अभी बीते दिनों अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय ने भी पार्टी से इस्तीफा देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था. वहीं, अब बसपा सुप्रीमो मायावती को एक और झटका लगा है.

दरअसल, बसपा से लावड़ नगर पंचायत की चेयरमैन कुर्सी पर कब्जा करने वाली चेयरपर्सन हज्जन आफताब कुरैशी से RLD के नेता कई महीनों से संपर्क में थे. उन्हें रालोद ज्वाइन कराने के लिए बड़ी कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब जाकर बात बन गई है.

बता दें कि दिल्ली में जयंत चौधरी के आवास पर रालोद विधान मंडल दल के नेता राजपाल बालियान, एमएलए प्रसन्न चौधरी और पूर्व मंत्री योगराज सिंह भी चेयरपर्सन पति हाजी शकील कुरैशी के ज्वाइनिंग कार्यक्रम में मौजूद थे. हालांकि, चेयरपर्सन हज्जन आफताब कुरैशी नहीं पहुंची थी. लेकिन हाजी शकील ने अपनी पत्नी चेयरपर्सन हज्जन आफताब कुरैशी के रालोद में शामिल होने की घोषणा कर दी है. जयंत चौधरी ने उनका और उनके समर्थकों का रालोद में आने पर स्वागत किया.

जयंत के लिए राहत की बात

बता दें कि RLD मुखिया जयंत चौधरी ने जैसे ही बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया, वैसे ही उनके वोटबैंक पर भी असर दिखा है. ऐसे में बड़े मुस्लिम नेताओं का रालोद की तरफ आना जयंत की टेंशन थोड़ी कम कर सकता है. लावड़ नगर पंचायत चेयरपर्सन पति हाजी शकील कुरैशी का दावा है कि जल्द ही लावड़ में जयंत का बड़ा कार्यक्रम करेंगे और 30 से ज्यादा ग्राम प्रधान और सैकड़ों समर्थक रालोद ज्वॉइन करेंगे. उनकी पत्नी चेयरपर्सन हज्जान आफताब कुरैशी बड़ी संख्या में समर्थकों को रालोद ज्वाइन कराएंगी. हालांकि, उनके दावे में कितनी सच्चाई है ये समय तय करेगा.

‘बसपा का नहीं रहा जनाधार’

साल 2023 में हुए नगर पंचायत चुनाव में शकील कुरैशी की पत्नी हज्जनन आफताब किरेवी ने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. अब उन्होंने बहनजी का साथ छोड़ दिया और जयंत चौधरी का हाथ थाम लिया.

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चेयरपर्सन पति हाजी शकील कुरैशी ने कहा कि बसपा का कोई जनाधार नहीं रहा. हमारी दिक्कत और परेशानी में बसपा का कोई नेता साथ नहीं दे रहा, ना विकास हो रहा ना समस्याएं दूर हो रही. इसलिए बीएसपी छोड़ दी, उन्होंने कहा जयंत चौधरी सेक्युलर नेता हैं. और इसीलिए किसी और दल में आने के बजाय रालोद ज्वॉइन की. खैर, अब इसका RLD को कितना फायदा होगा। ये तो वक्त तय करेगा.

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