Dengue Risk: क्या पपीता खाना डेंगू में है फायदेमंद, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

Dengue Risk Factor: डेंगू के मामले दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में पिछले एक महीने में तेजी से बढ़े हैं, साथ ही अस्पतालों में रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में डेंगू (Dengu) को लेकर सतर्कता बरतनी बेहद जरुरी है, वहीं डेंगू के गंभीर मामलों में रक्तस्रावी बुखार होने का जोखिम अधिक होता है जो लो ब्लड प्रेशर, शॉक लगने और कुछ स्थितियों में जानलेवा भी हो सकती है।

दूसरी ओर डेंगू (Dengu) में ब्लड प्लेटलेट्स काउंट कम होने के कारण इस तरह के जोखिम अधिक हो सकते हैं। वहीं प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपचार जैसे पपीते के पत्ते और गिलोय पीने की काफी चर्चा रही है। बता दें डेंगू में तीन दिनों तक प्रतिदिन पपीता के पत्ते का जूस पीने से 40 से 48 घंटे में औसत प्लेटलेट काउंट बढ़ सकता है, यह सभी लोगों के लिए लाभकारी है, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।

वहीं अध्ययनों में पाया गया है कि गिलोय अपने एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटिक गुणों के जाना जाता रहा है, इसके साथ ही कुछ शोध बताते हैं, गिलोय का संयमित मात्रा में सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity to disease) को बढ़ाने में लाभकारी है। वहीं गिलोय के सेवन से शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है, वहीं इससे डेंगू में लाभ या प्लेटलेट्स बढ़ने संबंधी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

दूसरी ओर डॉक्टर कहते हैं, इस बात के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि इनसे डेंगू के रोगियों को लाभ मिलता है। इन उपायों को पहले से कई अन्य चिकित्सा पद्धतियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है। डेंगू रोगियों के लिए ये सहायक उपचार के तौर पर प्रयोग में लाए जा सकते हैं, हालांकि इसके साथ आपको डॉक्टरी सलाह लेना बहुत आवश्यक है।

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