करौली शंकर महादेव धाम में भक्तों ने ली तंत्र-मंत्र की दीक्षा

ध्यान, साधना, अनुष्ठान से भक्त हुए सराबोर

कानपुर: करौली शंकर महादेव धाम, कानपुर में तीन दिवसीय महासम्मेलन के आयोजन के मद्देनजर शनिवार को विश्राम दिवस था। इन तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश विदेश से आए हजारों भक्तों ने मंत्र व तंत्र की दीक्षा ली। महीनों के इंतजार के बाद जब भक्तों को मंत्र और तंत्र की दीक्षा मिलती है, तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं होता है। इनको ऐसा लगता है जैसे जीवन का संपूर्ण सुख उनको प्राप्त हो गया है। इस माह की पूर्णिमा 25 जनवरी से महासम्मेलन की शुरुआत हुई 25, 26 और 27 जनवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में भक्तों ने वैदिक अनुष्ठान में भाग लिया।

करौली शंकर महादेव के द्वारा उनको ध्यान, साधना, अनुष्ठान कराए गए। प्रत्येक तीन माह बाद महासम्मेलन का आयोजन देश में स्थित करौली शंकर महादेव के आश्रमों में किया जाता है। इस बार इसका आयोजन कानपुर आश्रम में किया गया। महासम्मेलन में आने के लिए भक्त अपना रजिस्ट्रेशन चार पांच महीने पहले ही करवा लेते हैं। इस महासम्मेलन में सभी सुविधा निशुल्क रहती है। भक्तों के सोने की व्यवस्था, भोजन-प्रसाद, चाय आदि की व्यवस्था निरंतर चलती रहती है।

पूरे आश्रम में जगह जगह भक्तों के समूह बने रहते हैं और आपस में अपने सुखों और दुखों की चर्चा करते रहते हैं कि करौली शंकर महादेव धाम आने से पहले उनका जीवन क्या था और यहां आने के बाद उनका जीवन कैसा है। क्योंकि ज्यादातर भक्तों का यही कहना होता है कि करौली शंकर महादेव धाम वो तब आए हैं, जब जीवन के सभी दरवाजे बंद हो गए थे, लेकिन महादेव ने ऐसे संभाल लिया कि अब वो यही बस जाना चाहते हैं। धाम में आने के बाद भक्तों की यहां से जाने की इच्छा नहीं होती है। रोगग्रस्त लोग यहां आते हैं और अनुष्ठान में भाग लेते ही जैसे ही अपनी प्रक्रिया पूरी करते हैं वैसे ही जीवन और शरीर से जुड़े कष्टों से मुक्ति पाते हैं। इस सब अनुभवों को देखने के बाद वह करौली शंकर महादेव को धन्यवाद करते नहीं थकते।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.