प्रधानमंत्री के वार पर खरगे का पलटवार, बोले- संसदीय लोकतंत्र को खत्म कर रही मोदी सरकार

Sandesh Wahak Digital Desk : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विपक्ष पर किए गए हमले को लेकर पलटवार करते हुए बुधवार को दावा किया कि मोदी सरकार संसदीय लोकतंत्र को नष्ट कर रही है।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने संसद का अपमान किया है और लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि आदतन हुड़दंग करना जिनका स्वभाव बन गया है और जो लोकतांत्रिक मूल्यों का आदतन चीरहरण करते हैं, ऐसे सभी सांसदों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।

बजट सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने साधा विपत्र पर निशाना

संसद के बजट सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हुड़दंग, नकारात्मकता और शरारतपूर्ण व्यवहार करने वालों को लोकतंत्रप्रेमी याद नहीं रखेंगे और उनके लिए यह बजट सत्र पश्चाताप का भी अवसर है।

खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘प्रधानमंत्री जी ने संसद के बाहर बयान दिया। हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि कैसे उनकी सरकार संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार है’।

उन्होंने दावा किया कि संसद के पिछले सत्र में दोनों सदनों से 146 सांसदों को निलंबित करके केवल 3 दिनों में 14 विधेयक पारित किए गए। मौजूदा लोकसभा में एक घंटे से भी कम चर्चा में 172 में से 64 विधेयक पारित हो चुके हैं। 17वीं लोकसभा की इसी अवधि में राज्यसभा में एक घंटे से भी कम चर्चा के साथ 61 विधेयक पारित किए गए।

विपक्ष का गला घोंट रही मोदी सरकार: खरगे

खरगे ने कहा कि वर्तमान लोकसभा अपना 5 साल का कार्यकाल उपाध्यक्ष के बिना पूरा करेगी, यह पद पारंपरिक रूप से विपक्षी सदस्य के लिए आरक्षित है। इससे पता चलता है कि कैसे निरंकुश मोदी सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है और विपक्ष का गला घोंट रही है।

उन्होंने आरोप लगाया ‘17वीं लोकसभा का कार्यकाल 9 फरवरी को पूरा होने वाला है। 17वीं लोकसभा, पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली सभी लोकसभाओं की तुलना में सबसे कम दिनों तक बैठी। यह बताता है कि कैसे मोदी सरकार संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने पर तुली हुई है’।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने रिकॉर्ड संख्या में विधेयक पारित करने के दावे किए। उनके पहले कार्यकाल में दोनों सदनों द्वारा 179 विधेयक पारित किए गए और उनके दूसरे कार्यकाल में 213 विधेयक पारित किए गए। यह संख्या भाजपा के व्यापक व्यवधान के बावजूद, पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल के तहत पारित 297 विधेयकों और उसके दूसरे कार्यकाल के तहत पारित 248 विधेयकों से कम है’।

खरगे ने कहा कि पिछले दो दशकों के आंकड़े बताते हैं कि संसद में सबसे अधिक व्यवधान 15वीं लोकसभा (2009-2014) के दौरान हुए और उस समय भाजपा प्रमुख विपक्षी दल थी। उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा ही है जिसने संसद का अपमान किया है, विपक्ष नहीं! लोकतंत्र खतरे में है : सौजन्य भाजपा !

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