मंडी परिषद : मिलना था नोटिस, मिल गया प्रभार

Sandesh Wahak Digital Desk : फर्जी फर्मों को ढाई करोड़ रुपए भुगतान करने के आरोप में मंडी मुख्यालय ने उपनिदेशक निर्माण सहित चार कर्मचारियों का न सिर्फ निलंबित किया बल्कि चारों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दिया। लेकिन इस फर्जीबाड़े के कुछ और जिम्मेदारों को नोटिस तक नहीं दिया गया। निर्माण खंड में प्रत्येक बही खाते का पर्यवेक्षण करने वाले संयुक्त निदेशक निर्माण आसानी से बचा लिए गए। यही नहीं उन्हें प्रयागराज के उपनिदेशक निर्माण का अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया गया।

मंजीत सिंह सहित एक अन्य पर दर्ज हुई थी एफआईआर

गौरतलब हो कि प्रयागराज निर्माण खंड में क्लर्क मंजीत सिंह द्वारा चार फर्जी फर्मों को ढाई करोड़ रुपए भुगतान कर दिया गया था। ‘संदेश वाहक’ ने जब इस खबर को प्रकाशित किया तो निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कार्रवाई करते हुए जांच कराई और उपनिदेशक निर्माण रविंद्र यादव, लेखाकार मैकूलाल, क्लर्क मंजीत सिंह सहित एक अन्य को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज करा दी। अब चूंकि समस्त खातों के देखरेख की जिम्मेदारी संयुक्त निदेशक निर्माण की होती है।

ऐसे में संयुक्त निदेशक निर्माण इंदल प्रसाद की भी भूमिका तय होनी थी। प्रत्येक ट्रांजेक्शन की जानकारी जेडीसी को लेनी होती है। उन्हें इतने बड़े फर्जीवाड़े की जानकारी कैसे नहीं हुई यह संदेह का विषय है। फर्जीवाड़े को लेकर उन्हें एक नोटिस तक नहीं दिया गया। अलबत्ता गुरुवार को इंदल प्रसाद को प्रयागराज का उपनिदेशक निर्माण प्रभार दिया गया।

सपा कार्यालय में क्या कर रहे योगी सरकार के अधिकारी?

मंडी परिषद के निदेशक एवं अन्य विभागीय अधिकारी गुरुवार की दोपहर विधानसभा के एक कक्ष में लोक लेखा समिति की बैठक में सम्मिलित हुए थे। उस कक्ष से चंद कदम दूरी पर सपा विधानमंडल दल कार्यालय स्थित है, जहां उनके अधीनस्थ जेडीसी महेंद्र कुमार और मुख्यालय में तैनात एक क्लर्क भी चाय की चुस्की ले रहा था। दोनों अधिकारी एक ही समय पर विधानसभा के अलग-अलग कक्ष में विद्यमान थे।

संभवत: निदेशक को इस बात की जानकारी नहीं थी, लेकिन सपा विधानमंडल कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे में चाय की चुस्की लेते महेंद्र कुमार और क्लर्क कैद हो गए। अब समझ में नहीं आ रहा कि जेडीसी मुरादाबाद किसकी अनुमति से विधानसभा पहुंचे थे। क्या वह छुट्टी लेकर राजधानी पहुंचे हुए थे। जेडीसी को छोडि़ए मुख्यालय में तैनात क्लर्क किसकी अनुमति से सपा कार्यालय में पहुंचा हुआ था। समाजवादी पार्टी कार्यालय जाने का क्या प्रयोजन था। योगी सरकार में तैनात अधिकारी सपा विधानमंडल कार्यालय में क्या कर रहा है इसका भी जल्द खुलासा होगा।

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