मंडी परिषद घोटाला : प्रयागराज घोटाले का मास्टरमाइंड अब भी सेफ

Sandesh Wahak Digital Desk : राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के प्रयागराज निर्माण खंड में हुए ढाई करोड़ घोटाले का मास्टर माइंड अब भी सेफ बना हुआ है। जबकि इस मामले में चार आरोपियों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। पुलिस आरोपियों को तलाश रही है और उपनिदेशक सहित सभी आरोपी फरार हैं। इस मास्टर माइंड को बचाने के लिए निदेशक और जांच टीम दोनों की भूमिका संदिग्ध दिख रही है। वहीं इस मास्टर माइंड को कई जिलों का प्रभार दिया गया है।

बिना उपनिदेशक की सहमति के कोई भी मुलाजिम स्टेशन नहीं छोड़ सकता

गौरतलब हो कि प्रयागराज निर्माण खंड में हुए ढाई करोड़ के फर्जी भुगतान प्रकरण में जांच समिति ने उपनिदेशक समेत चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जांच आख्या में झांसी में तैनात क्लर्क मंजीत सिंह भी आरोपी हैं। अब प्रश्न यह है कि जब मंजीत सिंह प्रयागराज में तैनात ही नहीं था तो उसे प्रयागराज भेजता कौन था। मंजीत की तैनाती झांसी में थी। बिना उपनिदेशक की सहमति के कोई भी मुलाजिम स्टेशन नहीं छोड़ सकता है।

अगर मंजीत गिलत है तो मौके के उपनिदेशक निर्माण सही कैसे हैं। मंडी सूत्रों के मुताबिक झांसी के तत्कालीन उपनिदेशक महेंद्र कुमार, मंजीत सिंह को प्रयागराज भेजते थे। लेकिन जांच टीम ने मौन साध लिया। मंडी प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की ओर से महेंद्र कुमार की भूमिका की जांच को लेकर मनाही थी। अगर ठीक से जांच हुई होती तो जांच में एक और आरोपी महेंद्र कुमार का नाम जुड़ जाता।

महेंद्र को जांच से बचाने की चर्चा

चर्चा मंगलवार को विभागीय मंत्री के कार्यालय में भी हो रही थी। वह थी कि महेंद्र कुमार को मुरादाबाद के साथ-साथ कई जिलों का प्रभार मंडी निदेशक द्वारा प्रसाद के रूप में दिया गया है। उधर, एफआईआर के बाद मामले की विवेचना कर रहे पुलिसकर्मी ने बताया कि विवेचना विस्तृत रूप से होगी। जांच में कोई अन्य दोषी भी सामने आया तो एफआईआर में उसका नाम बढ़ेगा।

पूर्व अवर अभियंता की एक और जांच दबी

प्रयागराज निर्माण खंड में तैनात रहे पूर्व अवर अभियंता हरिशंकर पटेल का अभी सवा तीन करोड़ का समायोजन घोटाला उजागर होना बाकी है। इसके लिए मंडी के शीर्ष अधिकारियों ने कोई प्रयास नहीं किए हैं। हरिशंकर पटेल से जुड़ा घोटाले का एक और मामला सामने आया है। इनके द्वारा जनेश्वर मिश्र योजना, गड्ढामुक्ति योजना तथा मंडी कार्यों में कार्य न कराकर भुगतान किया जाना सामने आया है।

पटेल 30 नवंबर 2022 को रिटायर हो चुके हैं, लेकिन मंडी कार्यालय में बैठकर कार्य करते हैं। इनके खिलाफ हुई शिकायत के मुताबिक पटेल द्वारा एमबी पर जो बिल बनाया जाता है वह अनुबंध की लागत से पांच फीसदी अधिक का बनाया जाता है। इनके द्वारा प्रतापगढ़ मंडी क्षेत्र में अनुबंध संख्या 2696, 2644, 2714, 2715 में कार्य कराया गया।

स्वीकृत कराए 45 लाख का अधिक बिल बना दिया

जिसमें अनुबंध संख्या 2696 में अनुबंध की लागत से 19 लाख का अधिक भुगतान, अनुबंध संख्या 2714 ,  2715 में छह लाख अधिक का भुगतान कर दिया गया है। अनुबंध संख्या 2644 में 45 लाख का बिना किसी सक्षम अधिकारी से स्वीकृत कराए 45 लाख का अधिक बिल बना दिया है। पटेल ने इन अनुबंधों पर फर्जी रायल्टी पेपर लगवाकर ठेकेदारों को 24 लाख की रायल्टी का लाभ पहुंचाया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक अगर पटेल द्वारा किए गए समस्त अनुबंधों और उनके द्वारा कराए गए कार्यों की जांच करा दी जाए तो कई करोड़ रुपए का घोटाला सामने आएगा।

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