मंडी परिषद घोटाला: 2.44 करोड़ के फर्जी भुगतान में उपनिदेशक सहित 4 निलंबित, FIR के आदेश

जांच रिपोर्ट आने के एक महीने बाद मंडी निदेशक ने की कार्रवाई

Sandesh Wahak Digital Desk : राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के प्रयागराज निर्माण खंड में 2.44 करोड़ रुपए के फर्जी भुगतान मामले में मंडी निदेशक ने आखिरकार कार्रवाई कर दी। उन्होंने उपनिदेशक निर्माण सहित दो लेखाधिकारियों और एक क्लर्क को निलंबित कर दिया। साथ ही चारों पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

इस फर्जी भुगतान घोटाले का मुद्दा संदेश वाहक ने उठाया था, जिस पर आठ अगस्त को जांच टीम गठित गई थी। मामला अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद के पास भी पहुंचा था। रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद भी मंडी निदेशक कार्रवाई करने से कतराते रहे। संदेश वाहक द्वारा लगातार यह प्रकरण उठाने के कारण एक महीने बाद ही सही, निदेशक ने सभी आरोपियों को निलंबित कर दिया।

चार फर्मों को फर्जी भुगतान करने का मामला

गौरतलब हो कि प्रयागराज निर्माण खंड में चार फर्मों को फर्जी भुगतान करने का मामला सामने आया था। आरोप था कि इन फर्मों का न तो मंडी में रजिस्ट्रेशन है और न ही इन फर्मों ने किसी तरह का कार्य कराया है। ऐसी स्थिति में किसने इन फर्मों को 2.44 करोड़ का भुगतान कर दिया। जिन चेकों के माध्यम से भुगतान पाया गया उस पर उपनिदेशक निर्माण रविंद्र सिंह यादव, पूर्व लेखाधिकारी मैकूलाल और लेखाधिकारी संजीव कुमार गंगवार के हस्ताक्षर पाए गए।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज निर्माण खंड में पूर्व में तैनात रहे क्लर्क मंजीत सिंह के रिश्तेदारों के नाम बने फर्म पर उक्त धन का भुगतान हुआ था। संदेश वाहक ने इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया था, जिस पर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी। उस दौरान प्रकरण का संज्ञान अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद ने भी संज्ञान लिया और कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की और फाइल को दबा दी

निदेशक मंडी अंजनी कुमार सिंह के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम ने प्रकरण की जांच की और आख्या निदेशक को सौंप दी। इस दौरान निदेशक मंडी ने इस भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की और फाइल को दबा दी।

लेकिन संदेश वाहक समाचार पत्र लगातार प्रकरण को प्रकाशित करता रहा। एक महीने बाद आखिरकार निदेशक मंडी ने चारों आरोपियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की और चारों के खिलाफ एफआईआर कराने का आदेश प्रयागराज संभाग के उपनिदेशक प्रशासन कुलभूषण वर्मा को दिया है। कार्रवाई न करने को लेकर मंडी निदेशक पर लगातार सवाल उठ रहे थे। मंडी कर्मियों में आक्रोश के स्वर बुलंद हो रहे थे।

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