RBI गवर्नर ने किया नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान, रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार

RBI News : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान कर दिया गया है। जिसके तहत केंद्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही रेपो रेट को 6.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह छठवां मौका है। जब आरबीआई की एमपीसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

आपको बता दें कि ब्याज दरों की समीक्षा के लिए RBI MPC की बैठक 6 फरवरी से लेकर 8 फरवरी तक हुई थी। इससे पहले दिसंबर 2023 में भी रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा था।

प्वाइंट्स में समझिए आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?

  • भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, निरंतर वृद्धि पथ पर आत्मविश्वास से भरी प्रगति कर रही है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रुपये में सबसे कम उतार-चढ़ाव देखा गया। विनिमय दर काफी स्थिर बनी हुई है।
  • भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब डॉलर पर; सभी विदेशी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त।
  • चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत का सेवा निर्यात मजबूत रहा है।
  • भारत विदेश से भेजे जाने वाले धन के मामले में सबसे आगे रहेगा।
  • हम उम्मीद करते हैं कि विनियमन के दायरे में आने वाली इकाइयां अनुपालन की प्रकृति, उपभोक्ता हितों के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगी।
  • भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है और जिंस कीमतों खासकर कच्चे तेल पर दबाव पड़ रहा है।
  • ऋण बाजार में नीतिगत दर में बदलाव का पूरा प्रभाव अभी तक नहीं पहुंचा है।
  • ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है।
  • आरबीआई का चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत, 2024-25 के लिए 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
  • अंतरिम बजट के अनुसार सरकार राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर चल रही है।
  • आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार 2024-25 में भी जारी रहने की उम्मीद।
  • एमपीसी मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर रखने को प्रतिबद्ध।
  • 2024 में वैश्विक वृद्धि दर के स्थिर रहने का अनुमान।
  • एमएसएफ (सीमांत स्थायी सुविधा दर) और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर बरकरार।
  • मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।
  • खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितता का मुख्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव जारी।
  • वृद्धि की गति तेज हो रही है और यह अधिकतर विश्लेषकों के अनुमानों से आगे निकल रही है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार छठी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा।

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